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    UP Cold Wave: कंपकंपाती ठंड में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा, उच्च रक्तचाप के रोगी बरतें सतर्कता

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 12:07 PM (IST)

    Winter health Tips: गोरखपुर में ठंड बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो लगभग चार गुना तक बढ़ गई है। बीआरडी मेडिकल कालेज म ...और पढ़ें

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    UP winter Tips:  तेज ठंड में लगभग चार गुणा बढ़ गई BRD में ब्रेन स्ट्रोक के रोगियों की संख्या। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। Winter advisory in UP: तेज पड़ रही ठंड लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगी है। ठंड बढ़ते ही ब्रेन स्ट्रोक (पक्षाघात) के मरीजों की संख्या में चिंताजनक इजाफा हुआ है। ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या लगभग चार गुणा तक बढ़ गई है। बीआरडी मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में रोजाना ब्रेन स्ट्रोक के 12-13 मरीज पहुंच रहे हैं, जबकि नवंबर-दिसंबर में यह संख्या दो-तीन थी।

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    कई मरीज गंभीर अवस्था में अस्पताल लाए गए। न्यूरो सर्जन डा. अनिंद्य गुप्ता का कहना है कि करीब 60 प्रतिशत मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे हैं। समय पर अस्पताल पहुंचाने से जान बच सकती है, लेकिन गांवों में जागरूकता की कमी के कारण लोग देर कर देते हैं। उच्च रक्तचाप की नियमित जांच न कराना और ठंड में सावधानी न बरतना इसकी बड़ी वजह है।

    न्यूरो सर्जन के अनुसार इनमें से लगभग 60 प्रतिशत लोगों को यह तक पता नहीं था कि वे उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) या मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित हैं। कई मामलों में लोग सुबह ठंडे पानी से नहाकर घर या पूजा घर में बैठे और कुछ ही देर में बेहोश हो गए। जब स्वजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, तब पता चला कि उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ है।

    जांच में उनका रक्तचाप 200-110 मिलीमीटर मरकरी तक पहुंचा हुआ मिला और रक्त में शर्करा का स्तर 300 एमजी के आसपास था, जो सामान्य से बहुत ज्यादा है। ठंड के मौसम में नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप अचानक बढ़ जाता है।

    उच्च रक्तचाप की स्थिति में दिमाग की कमजोर नसें फट सकती हैं या उनमें रक्त प्रवाह रुक सकता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है। मधुमेह के रोगियों में यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। अब तक जो भी मरीज पहुंचे हैं, उनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है, लेकिन लापरवाही की वजह से कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

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    ये हैं लक्षण

    • बोली में लड़खड़ाहट।
    • शरीर के एक तरफ के हिस्से में कमजोरी।
    • आधे चेहरे, एक तरफ के हाथ-पैर में कमजोरी।
    • एक तरफ के हाथ-पैर का काम न करना।
    • सिर में तेज दर्द।
    • उल्टी और चक्कर आना।
    • भ्रम की स्थिति होना।
    • सांस लेने में दिक्कत।
    • बेहोशी।


    इसका रखें ध्यान

    • रक्तचाप व मधुमेह के रोगी धूप निकलने पर ही टहलने जाएं।
    • कमरे से बाहर निकलें तो गर्म कपड़े पहने रहें।
    • हीटर या आग के पास बैठे हैं तो अचानक बाहर न जाएं।
    • बिस्तर छोड़ने के बाद थोड़ा व्यायाम अवश्य करें।
    • बिना हेलमेट लगाए वाहन न चलाएं।
    • सिर, हाथ-पैर अच्छी तरह ढंक कर ही बाहर निकलें।
    • रक्तचाप की नियमित जांच कराएं।
    • कोलेस्ट्राल नियंत्रित रखें।
    • भोजन में नमक की मात्रा सीमित रखें।
    • ठंडे पानी से न नहाएं।

    उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीज दवाओं का नियमित सेवन करें और बिना डाक्टर की सलाह के दवा बंद न करें। सुबह ठंड में बाहर निकलने या ठंडे पानी से नहाने से बचें। धूप निकलने के बाद ही टहलने जाएं और सिर, हाथ-पैर को अच्छी तरह ढंककर रखें। बिस्तर छोड़ने के बाद अचानक खड़े न हों, पहले हल्का व्यायाम करें।

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    -डाॅ. अनिंद्य गुप्ता, न्यूरो सर्जन बीआरडी मेडिकल कॉलेज