UP Panchayat Elections: यूपी के इस शहर में पंचायत चुनाव की बढ़ी सरगर्मी, वोटर सहेजने लगी भाजपा
गोरखपुर में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने में जुटी है और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रही है। पार्टी का लक्ष्य है कि ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक उसके कार्यकर्ता हों। संभावित प्रत्याशी भी पार्टी का समर्थन पाने के लिए जोर-जुगाड़ में लगे हैं।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने मतदाता पुनरीक्षण की तैयारी शुरू कर दी है तो राजनीतिक दलों ने वोटरों को सहेजने की। भाजपा में इसे लेकर विशेष सक्रियता देखने को मिल रही है।
पार्टी अपने पक्ष के वोटरों को वोटर लिस्ट मेंं स्थान दिलाने की तैयारी में जुट गई है। हमेशा की तरह ''''बूथ जीता तो चुनाव जीता'''' के फार्मूले पर काम करने जा रही है। इसे लेकर बूथ स्तरीय अभियान शुरू करने जा रही है।
पंचायत चुनाव भाजपा अपने सिंबल पर तो नहीं लड़ती पर इसे लेकर पूरा सतर्क रहती है कि ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक के पदों पर पार्टी कार्यकर्ता रहें, जिससे लोकतंत्र के सबसे छोटे पद पर भी उसका वर्चस्व बना रहे।इसके लिए संसदीय व विधानसभा चुनाव की तरह पंचायत चुनाव को पूरी गंभीरता से लेती है।
जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्य के लिए बाकायदा बिना सिंबल के अपना प्रत्याशी घोषित करती है। अब जब पंचायत चुनाव करीब आ रहा है तो भाजपा ने इसे लेकर अपना पांव फैलाना शुरू कर दिया है। पहला फोकस वोटर लिस्ट पर है। मतदाता पुनरीक्षण को लेकर बूथ समितियों को सक्रिय किया जा रहा है।
उन्हें नए वोटरों को जोड़ने और बोगस वोटरों को वोटर लिस्ट से बाहर कराने के लक्ष्य के साथ काम करने को कहा जा रहा है। यदि कोई कार्यकर्ता वोटर लिस्ट में अबतक नहीं शामिल हो सका है, उसे इस बार हर हाल में शामिल कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ समर्थन के लिए संभावित प्रत्याशी पर भी नजर रखी जा रही है। इसके लिए पार्टी स्तर पर अघोषित इंटरनल सर्वे की शुरुआत भी हो चुकी है।
पार्टी के समर्थन के लिए जोर-जुगाड़ शुरू
जिस तेजी से पार्टी ने पंचायत चुनाव में अपने वोटर बढ़ाने के लिए सक्रियता बढ़ाई है, उसी तेजी से पार्टी का समर्थन पाने के दावेदार संभावित प्रत्याशियों ने भी अपनी गंभीरता बढ़ाई है। इसके लिए जोर-जुगाड़ का सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा व समर्पण का ढोल पीटना शुरू कर दिया है।
संभावित प्रत्याशी अपने-अपने संरक्षक बड़े नेताओं और जनप्रतिनिधियों को साधने में जुट गए हैं। पार्टी का समर्थन पाने के लिए उनके दर पर हाजिरी लगा रहे हैं। गांव में बड़े नेताओं व जनप्रतिनिधियों से अपना नाम जोड़कर वोटरों के बीच प्रतिष्ठा बढ़ा रहे हैं। खुद की दावेदारी को मजबूत बता रहे हैं। इसे लेकर कई जगहों पर कार्यकर्ताओं के बीच रार भी सामने आने लगी है। दबी हुई प्रतिद्वंद्विता पटल पर दिखने लगी है।

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