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    लाल मूली के फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान, अविनाश ने छोड़ दी पुलिस की नौकरी

    By Satish chand shuklaEdited By:
    Updated: Fri, 19 Feb 2021 06:19 PM (IST)

    अविनाश 1998 में पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए। 2005 में नौकरी छोड़ दी। इसी साल उन्होंने पत्रकारिता में मास्टर डिग्री ली। हमेशा कुछ नया करने की सोच के चलते 2010 में यह नौकरी भी छोड दी और खेती में कुछ नया करने का फैसला किया।

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    लाल मूली की खेती करने वाले अविनाश कुमार।

    गोरखपुर, जेएनएन। पुलिस की नौकरी छोड़कर लाल मूली की खेती कर पादरी बाजार, शाहपुर निवासी अविनाश कुमार अपनी किस्मत गुलाबी कर रहे हैं। इसके जरिये काफी अच्‍छी आय अर्जित कर खुद तो आर्थिक रूप से समृद्ध हो ही रहे हैं, दूसरों को भी समृद्धि की राह दिखा रहे हैं।

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    अविनाश ने पुलिस की नौकरी छोड़ी

    अविनाश 1998 में पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए। 2005 में नौकरी छोड़ दी। इसी साल उन्होंने पत्रकारिता में मास्टर डिग्री ली। इसके बाद कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया। हमेशा कुछ नया करने की सोच के चलते 2010 में यह नौकरी भी छोड दी और खेती में कुछ नया करने का फैसला किया, घर लौट आए। पुस्तैनी जमीन पर खेती शुरू की। इस दौरान वह भारत सरकार के कृषि शोध संस्थानों से जुड़े रहे। सेमिनारों में भी भाग लेते रहे। इसी क्रम में उन्हें लाल मूली की खेती के बारे में पता चला। उन्होंने इसके बाजार और मांग के बारे में जानकारी की। इसके बाद खेती शुरू की। शबला सेवा संस्थान के साथ मिलकर इसे और बड़े पैमाने पर करने की तैयारी में हैं।

    सेहत के लिए फायदेमंद तत्वों से भरपूर होती है यह मूली

    सफेद मूली की तुलना में बेहद स्वादिष्ट लाल मूली सेहत के लिए अनुकूल तत्वों से भरपूर होती है। इसमें पेलागोर्निडीन नामक तत्व पाया जाता है। इसकी वजह से रंग लाल होता है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसमें सल्फिरासोल और इंडोल-3 नामक रसायन तथा एंटीआक्सीडेंट तत्व भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। यह हाइपरटेंशन और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाने के साथ ही कैंसर कोशिकाओं को भी खत्म करता है। यह उत्तम पाचक भी है।

    डेढ़ माह में तैयार होती है फसल

    शरद ऋतु की फसल लाल मूली के लिए बलुई दोमट मिट्टी मुफीद होती है। किसी भी फसल के साथ मेड़ पर इसकी बोआई की जा सकती है। 40-45 दिन में फसल तैयार हो जाती है। पत्ती सहित इसकी औसत उपज 600 से 700 क्विंटल होती है। अविनाश कुमार का कहना है कि लाल मूली की खेती कर किसान कम लागत में बड़ा मुनाफा हासिल कर सकते हैं। सफेद मूली की तुलना में बाजार में लाल मूली की कीमत अधिक है, मांग काफी अधिक है।