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दो दिन बाद फिर दौड़ती नजर आएगी बरहजिया, कोरोना काल से ही ठप है संचालन Gorakhpur News

पूर्वोत्तर रेलवे के सबसे छोटे रेल खंड सलेमपुर-बरहज पर एक बार फिर बरहजिया ट्रेन दौड़ेगी। रेलवे बोर्ड ने पैसेंजर ट्रेनों के साथ ही इस ट्रेन का भी संचलन करने के लिए हरी झंडी दे दी है। आदेश आने के बाद रेल कर्मचारी अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दिए हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 02:10 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 02:10 PM (IST)
दो दिन बाद फिर दौड़ती नजर आएगी बरहजिया, कोरोना काल से ही ठप है संचालन  Gorakhpur News
दो दिन बाद से दौड़ने लगेगी बरहजिया ट्रेन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : पूर्वोत्तर रेलवे के सबसे छोटे रेल खंड सलेमपुर-बरहज पर एक बार फिर बरहजिया ट्रेन दौड़ेगी। रेलवे बोर्ड ने पैसेंजर ट्रेनों के साथ ही इस ट्रेन का भी संचलन करने के लिए हरी झंडी दे दी है। आदेश आने के बाद रेल कर्मचारी अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दिए हैं। कोरोना संक्रमण काल में देवरिया जिले में बरहजिया ट्रेन के संचलन पर रोक लगा दी गई। 11 माह बाद एक बार फिर बरहज ट्रेन पटरी पर दौड़ती हुई नजर आएगी। ट्रेन के संचलन शुरू होने से यात्रियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। भले ही यह रेल खंड रेलवे की नजर में घाटे का सौदा है, लेकिन जन दबाव में इस ट्रेन का संचलन किया जाता है। जल्द ही सामान्य काउंटर भी खुलने लगेंगे। जनसंपर्क अधिकारी वाराणसी अशोक कुमार ने कहा कि बोर्ड से अनुमति जिन-जिन ट्रेनों को चलाने की मिल रही है, उन्‍हें चलाया जाएगा।

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दुकानदार खुश

बरहजिया के चलने की हरी झंडी मिलने की जानकारी मिलने पर बरहज बाजार के दुकानदारों में प्रसन्‍नता है। दुकानदार सुनील बरनवाल, राजीव गुप्त, संजय प्रजापति, रुदल सिंह का मानना है कि ट्रेन के चलने से कारोबार को गति मिलेगी। विभिन्न गांव के लोग यहां साधन के अभाव में नहीं आ पाते थे, उनको सुविधा मिलेगी।

यह भी जानिए

एक जमाने में बरहज नदी मार्ग से व्यापार का एक बड़ा केंद्र हुआ करता था, रेल मार्ग से भी व्यापार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अंग्रेजों ने 1896 में इस रेल लाइन का निर्माण कराया गया। माल ढुलाई और व्यापारियों के कारण यह रेल खंड लाभ का सौदा रहा। चीनी मिलों को भी ट्रेन के जरिये ही गन्ना पहुंचता था और चीनी मिल में भी ट्रेन के जाने के लिए पटरी बिछायी गई थी। आजादी के बाद भी रेलवे को इससे खूब आमदनी हुई। 25 किलोमीटर में फैले यह रेल खंड अब रेलवे के लिए घाटा का सौदा हो गया है,लेकिन जन दबाव में इस रेल खंड पर चार बरहज ट्रेन चलायी जा रही है।


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