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    Bahubali Rajan Tiwari खूंखार बदमाश की संगत में आकर बना अपराध जगत का डॉन, BJP से जुड़ने का सपना नहीं हुआ था साकार

    Bahubali Rajan Tiwari राजन तिवारी का नाम कुख्यात बदमाश श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आने के बाद बड़ा हो गया। उसके खिलाफ यूपी बिहार में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। राजन तिवारी को रक्सौल से गिरफ्तार कर गोरखपुर लाया गया और यहां गैंगस्टर कोर्ट में पेश किया गया।

    By Pragati ChandEdited By: Updated: Thu, 18 Aug 2022 05:46 PM (IST)
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    Bahubali Rajan Tiwari न्यायालय में पेशी के बाद बाहर निकलते। फोटो: जागरण।

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Bahubali Rajan Tiwari: पूर्व विधायक व माफिया राजन तिवारी की गिरफ्तारी पूरे यूपी- बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजन तिवारी को यूपी पुलिस (UP Police) ने बिहार के रक्सौल से गिरफ्तार किया है। 90 के दशक के कुख्यात बदमाश श्रीप्रकाश शुक्ला (Shri Prakash Shukla) की संगत में आने के बाद राजन तिवारी बड़ा नाम हो गया। खूंखार डॉन के साथ नाम जुड़ते ही चर्चित अपराधों में उसका नाम आने लगा। आगे पढ़िए- माफिया राजन तिवारी के अपराधों से जुड़ी कहानी...

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    जारी हुए थे 60 से अधिक गैर जमानती वारंट

    बिहार के गोविंदगंज विधानसभा सीट से विधायक रह चुके राजन के खिलाफ गोरखपुर व बिहार में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें 36 मामले गोरखपुर के हैं। 1998 में कैंट पुलिस ने हत्या के मुकदमे में गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की। जिसमें दिसंबर 2005 से अब तक राजन के खिलाफ न्यायालय ने 60 गैर जमानती वारंट जारी किए थे। एडीजी के सख्ती दिखाने पर एक माह से कैंट थाना पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम राजन की तलाश में छापेमारी कर रही थी।

    दिल्ली से चकमा देकर भाग निकला था

    10 दिन पहले माफिया राजन तिवारी के दिल्ली में होने की सूचना पर कैंट पुलिस पहुंची थी। सर्विलांस की मदद से छानबीन करने पर पता चाल कि वह नार्थ एवन्यू क्षेत्र में मौजूद है। पुलिस के पहुंचने की खबर लगते ही राजन वहां से भाग निकला और मोबाइल भी बंद कर लिया। खोजबीन करने के बाद कैंट पुलिस लौट आई।

    23 अगस्त को है अगली सुनवाई

    गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में 28 जुलाई को सुनवाई थी लेकिन माफिया राजन नहीं आया। उसके अधिवक्ता ने न्यायालय में प्रस्तुत होकर पक्ष रखा लेकिन गैर जमानती वारंट निरस्त नहीं हुआ। 23 अगस्त को न्यायालय में अगली सुनवाई है। राजन को गोरखपुर लेकर आने के बाद पुलिस कोर्ट में पेश करेगी।

    बीजेपी से जुड़ने के प्रयास पर हुआ था विवाद

    2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजन तिवारी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने की कोशिश की थी। लखनऊ में उसने भाजपा (BJP) से जुड़ने का प्रयास किया, जिसपर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद पार्टी ने उससे किनार कर लिया। अपने मकसद में कामयाब न होने पर राजन ने बिहार की राजनीति में वापसी कर ली।

    बाहुबली वीरेंद्र शाही पर हुए हमले में भी सामने आया था नाम

    मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सोहगौरा गांव के रहने वाले राजन तिवारी की प्रारम्भिक शिक्षा भी इसी जिले में हुई। युवा अवस्था में राजन तिवारी ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। 90 के दशक के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आने के बाद अपराध की दुनिया में राजन तिवारी बड़ा नाम हो गया। श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ जुड़े कई मामलों में उसका नाम सामने आया। महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे वीरेंद्र शाही पर हमले में भी राजन तिवारी का नाम आया था। इस घटना में माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी समेत चार लोगों को आरोपित बनाया गया था। इस मामले में राजन तिवारी वर्ष 2014 में बरी हो चुका है।