UP BJP President: पंकज चौधरी की ताजपोशी से मजबूत होगा 'कुर्मी' वोट बैंक, गोरखपुर में बदलेंगे सियासी समीकरण!
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धार्थनगर जिले में कुर्मी, सैंथवार मतदाताओं के बीच भाजपा का प्रभाव बढ़ने ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धार्थनगर जिले में कुर्मी, सैंथवार मतदाताओं के बीच भाजपा का प्रभाव बढ़ने की संभावना राजनीतिक माहौल में नई चर्चा का विषय बन गई है।
जिले की पांचों विधानसभा शोहरतगढ़, कपिलवस्तु, बांसी, इटवा और डुमरियागंज में यह समुदाय लंबे समय से सियासी संतुलन निर्धारित करने वाली शक्ति माना जाता है।
शोहरतगढ़ में लगभग आठ प्रतिशत, डुमरियागंज और इटवा में करीब सात प्रतिशत तथा कपिलवस्तु और बांसी में चार से पांच प्रतिशत कुर्मी मतदाता मौजूद हैं, जिनका परंपरागत रुझान भाजपा और सपा दोनों की ओर रहा है। जिले में कुर्मी सैंथवार समाज का एक बड़ा हिस्सा आर्थिक रूप से संपन्न और सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित है।
यह भी पढ़ें- Pankaj Chaudhary: पंकज चौधरी को यूपी बीजेपी की 'कमान', योगी के गढ़ से विपक्ष के PDA दांव की काट
गांवों में निर्णय क्षमता, सामाजिक नेतृत्व और व्यापारिक गतिविधियों में इनकी पकड़ मजबूत है। ऐसे में यह वर्ग जिस दिशा में जाता है, उसका असर चुनावी गणित पर स्पष्ट दिखाई देता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पंकज चौधरी का प्रभाव इस वर्ग को भाजपा की ओर और निकट ला सकता है, जिससे जिले में सियासी समीकरणों में बदलाव की संभावना बढ़ सकती है।
UP BJP President अध्यक्ष होंगे पंकज चौधरी
भाजपा जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान ने कहा कि पंकज चौधरी के नेतृत्व से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा है। उनका मानना है कि जिले की पांचों सीटों पर भाजपा पहले से मजबूत थी, अब संगठन को नई ऊर्जा मिलेगी। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पंकज चौधरी की बहन साधना चौधरी ने कहा कि उनकी ताजपोशी पूरे प्रदेश के लिए सकारात्मक संकेत है।
उन्होंने विश्वास जताया कि सिद्धार्थनगर को भी इसका लाभ मिलेगा। पंकज चौधरी का सिद्धार्थनगर से पुराना रिश्ता भी राजनीतिक उम्मीदों को बल देता है। उनकी बहन का परिवार यहीं है और वरिष्ठ नेता होने के नाते उनका जिले से लगातार संपर्क बना रहा है। स्थानीय नेताओं का मानना है कि इससे संगठन को नई मजबूती मिल सकती है।
कुल मिलाकर, कुर्मी–सैंथवार मतदाताओं का रुझान यदि भाजपा की ओर थोड़ा भी झुकता है, तो आने वाले चुनावों में जिले की राजनीति की दिशा बदल सकती है। यह उम्मीद अभी संभावनाओं के स्तर पर है, पर राजनीतिक हलकों में इसका असर साफ देखा जा रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।