अंबाला कोर्ट में फायरिंग कांड के वांछित सगे भाई गोरखपुर में दबोचे गए, कोर्ट में सरेंडर की कोशिश हुई नाकाम
अंबाला कोर्ट में फायरिंग करने के वांछित आरोपी, दो सगे भाई, गोरखपुर में गिरफ्तार किए गए। हरियाणा पुलिस को इनकी तलाश थी। दोनों आरोपियों ने कोर्ट में सरे ...और पढ़ें

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। हरियाणा के अंबाला में कोर्ट परिसर के पास हुई फायरिंग की घटना में वांछित चल रहे सगे भाइयों को गोरखपुर में गिरफ्तार किया गया है।पकड़े गए आरोपितों की पहचान शुभम उर्फ काका और उसके भाई शिवा के रूप में हुई है, जो अंबाला के रहने वाले हैं।
दोनों के विरुद्ध एक मार्च 2025 को अंबाला सिटी थाने में फायरिंग का मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के बाद से दोनों फरार चल रहे थे और उनकी गिरफ्तारी पर आइजी रेंज की ओर से पांच-पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
गुरुवार को दोनों आरोपित गोरखपुर कचहरी पहुंचे थे। जानकारी के अनुसार वे कोर्ट में सरेंडर करने के इरादे से आए थे। इसी दौरान अंबाला पुलिस को इनपुट मिला कि दोनों भाई गोरखपुर में मौजूद हैं और कचहरी परिसर में देखे गए हैं। सूचना मिलते ही अंबाला से आयी पुलिस टीम ने जिले के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया।
संयुक्त कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कचहरी परिसर से ही दोनों भाइयों को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के बाद देर शाम अंबाला पुलिस दोनों आरोपितों को अपने साथ ले गई। बताया गया कि एक मार्च की सुबह करीब 11 बजे अंबाला सिटी कोर्ट में पेशी पर आए अमन नाम के युवक पर कार सवार बदमाशों ने फायरिंग कर दी थी।
घटना से कोर्ट परिसर में अफरातफरी मच गई थी। जांच में शुभम उर्फ काका, उसके भाई शिवा और एक अन्य साथी का नाम सामने आया था। वारदात के बाद से ही तीनों फरार हो गए थे। पुलिस की दबिश और संभावित ठिकानों पर तलाश के बावजूद दोनों भाई हाथ नहीं आ रहे थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरारी के दौरान दोनों आरोपी अलग-अलग जगहों पर छिपते फिर रहे थे। हाल ही में सूचना मिली थी कि वे गोरखपुर में हैं और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कोर्ट में आत्मसमर्पण की योजना बना रहे हैं।
गोरखपुर कनेक्शन की हो रही जांच :
अंबाला फायरिंग कांड के आरोपित भाइयों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस की जांच का दायरा गोरखपुर तक बढ़ा दिया गया है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि फरारी के दौरान दोनों आरोपित गोरखपुर में किसके संपर्क में थे, कहां रुके और यहां उन्हें किस स्तर पर मदद मिली। कचहरी पहुंचने से पहले उनकी गतिविधियां किन-किन इलाकों में रहीं, इसका भी सत्यापन किया जा रहा है। पुलिस काल डिटेल, लोकेशन और स्थानीय संपर्कों की जांच कर रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि गोरखपुर में किसी ने उन्हें पनाह दी थी या सरेंडर की योजना बनाने में मदद की थी।

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