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    Health News: एलोपैथ को मिला होम्योपैथ का साथ तो जापानी इंसेफ्लाइटिस ने खाई मात, मौत व दिव्यांगता में आई कमी

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Wed, 22 Nov 2023 02:04 PM (IST)

    बीआरडी मेडिकल कालेज के अध्ययन में साबित हुआ है कि एलोपैथ व होम्योपैथ मिलकर बचे हुए जापानी इंसेफ्लाइटिस के प्रभाव को समाप्त कर सकते हैं। दोनों पैथियों की दवाओं के प्रयोग से मौत व दिव्यांगता में कमी आ गई। बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के साथ परिषद ने तीन चरणों में अध्ययन किया है। यह अध्ययन अब पूरा हो गया है।

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    एलोपैथ को मिला होम्योपैथ का साथ तो जेई ने खाई मात। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर। एलोपैथ व होम्योपैथ मिलकर बचे हुए जापानी इंसेफ्लाइटिस के प्रभाव को समाप्त कर सकते हैं। यह साबित किया है बीआरडी मेडिकल कालेज में हुए एक अध्ययन ने। तीन चरणों में हुए अध्ययन ने इंसेफ्लाटिस पर पूर्ण नियंत्रण का मार्ग प्रशस्त किया है। दोनों पैथियों के एक साथ प्रयोग ने ठीक होने के बाद रोगियों में होने वाली दिव्यांगता को भी कम किया है। इस अध्ययन को प्रकाशन के लिए जर्नल आफ आयुर्वेदा एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन, नई दिल्ली को भेजा गया, वहां से स्वीकृति भी मिल चुकी है।

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    केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद नई दिल्ली व चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंसेफ्लाइटिस से मौत व दिव्यांगता को कम करने के लिए संयुक्त रूप से 2012 में यह अभियान शुरू किया, जिसकी अंतिम रिपोर्ट इस साल जारी हुई है। बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के साथ परिषद ने तीन चरणों में अध्ययन किया। इससे स्पष्ट हुआ कि संयुक्त उपचार इंसेफ्लाइटिस की रोकथाम में कारगर है।

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    2012 में इंसेफ्लाइटिस पीड़ित 151 बच्चे अध्ययन में शामिल किए गए। इसमें 121 बच्चों को एलोपैथ के साथ होम्योपैथ की दवाएं भी दी गईं। इनमें 9.9 प्रतिशत यानी 12 बच्चों की मौत हुई। 30 बच्चों को केवल एलोपैथ की दवाएं दी गईं, इनकी मृत्यु दर 43 प्रतिशत थी, 13 बच्चों की मौत हुई थी। 2013 से 2015 तक चले दूसरे अध्ययन में 244 बच्चों को एलोपैथ के साथ होम्योपैथ की भी दवाएं दी गईं, इनमें से 36 की मौत हुई। 258 बच्चों को केवल एलोपैथ की दवाएं दी गईं, इनमें से 77 बच्चों की मौत हुई थी।

    2016 में शुरू हुए अध्ययन में यह बात सामने आई कि एलोपैथ के साथ होम्योपैथ की दवाएं दिव्यांगता को भी कम कर रही हैं। यह अध्ययन अब पूरा हो गया है। एलोपैथ व होम्योपैथ दोनों की दवाएं 283 को व केवल एलोपैथ की दवाएं 209 बच्चों को दी गई थीं। बोलने, खाने, खड़ा होने, पहचानने, व्यवहार परिवर्तन, काम करने में दिक्कत व झटका आने के मामले एलोपैथ की अपेक्षा दोनों पैथियों से उपचारित बच्चों में कम मिले हैं।

    ठीक होने वाले दिव्यांग बच्चों का प्रतिशत

    ग्रुप ए (एलोपैथ व होम्योपैथ की दवाएं दी गईं)

    • कुल बच्चों की संख्या- 283
    • बोलने में दिक्कत- 28
    • खाने में दिक्कत- 17
    • अकेले में रहने वाले- 20
    • व्यवहार परिवर्तन- 40
    • पहचानने में दिक्कत- 18
    • काम करने में दिक्कत- 27
    • झटका आने की दिक्कत- 31

    ग्रुप बी (केवल एलोपैथ की दवाएं दी गईं)

    • कुल बच्चों की संख्या- 209
    • बोलने में दिक्कत- 43
    • खाने में दिक्कत- 33
    • अकेले में रहने वाले- 33
    • व्यवहार परिवर्तन- 34
    • पहचानने में दिक्कत- 24
    • काम करने में दिक्कत- 40
    • झटका आने की दिक्कत- 70

    क्या कहते हैं अधिकारी

    इंसेफ्लाइटिस के समूल उन्मूलन में एलोपैथ के साथ होम्योपैथ का प्रयोग वरदान बन सकता है। लगभग 10 साल चले अध्ययन के बाद यह तथ्य सामने आया है कि केवल एलोपैथ की अपेक्षा दोनों पैथियों की दवाएं ज्यादा कारगर हैं। इससे रोग ठीक होने के बाद होने वाली दिव्यांगता में भी कमी आई है। डा. रमेश प्रसाद, होम्योपैथी अनुसंधान अधिकारी, बीआरडी मेडिकल कालेज