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    ई- कवच एप पर दिखेगा स्वास्थ्य विभाग की जानकारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 16 Apr 2022 05:39 PM (IST)

    डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग पेपरलेस व्यवस्था की ओर बढ रहा है। इसकी शुरूआत करते हुए ब्लाकों में होने वाले प्रशिक्षण के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। यह ब्लाकों पर आशा से लगायत सभी फील्ड स्तर के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे। इस व्यवस्था से स्वास्थ्य विभाग की सभी रिपोर्टिग एक ही प्लेटफार्म के माध्यम से की जाएगी।

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    ई- कवच एप पर दिखेगा स्वास्थ्य विभाग की जानकारी

    सिद्धार्थनगर: डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग पेपरलेस व्यवस्था की ओर बढ रहा है। इसकी शुरूआत करते हुए ब्लाकों में होने वाले प्रशिक्षण के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। यह ब्लाकों पर आशा से लगायत सभी फील्ड स्तर के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे। इस व्यवस्था से स्वास्थ्य विभाग की सभी रिपोर्टिग एक ही प्लेटफार्म के माध्यम से की जाएगी। एक ही प्लेटफार्म पर संकलित की जा सकेगी। अभी तक रिपोर्टिग के लिए अलग-अलग पोर्टल व व्यवस्था होने के कारण ब्लाक से लगाए जिला स्तरीय अधिकारियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। इसमें उन्हें अधिक समय भी लगता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

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    ई-कवच को एक ऐसा प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। जिससे जमीन से जुड़ी आशा कार्यकर्ताओं के साथ एएनएम व सीएचओ को भी जोड़ा जाएगा। सभी अपने दैनिक कार्यों का लेखा जोखा इसी पोर्टल पर दर्ज करेंगे। ब्लाक से लगाए प्रदेश स्तरीय अधिकारियों को भी सीधे दिखेगा। इससे डेटा की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ-साथ लोगों तक सेवाओं को पहुंचाना भी आसान होगा। अभी तक विभागीय कर्मचारियों को लोगों को सेवा देने से अधिक समय उसकी रिपोर्ट करने में लगता है। नई पोर्टल प्रणाली से काफी कुछ आसान हो जाएगा।

    रिपोर्टिग के लिए है अलग-अलग व्यवस्था

    स्वास्थ्य विभाग में अभी भी रिपोर्टिंग के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। जिससे ब्लाक व जिला स्तरीय अधिकारियों को रिपोर्ट संकलित करने के साथ ही उसके आधार पर समीक्षा तैयार करना काफी कठिन है। अभी तक रिपोर्टिग की जो व्यवस्था उसमें आशा के लिए अलग-अलग रिपोर्टिग प्रपत्र को संकलित कर रिपोर्ट तैयार करना, बीसीपीएम, बीपीएम, बैम व डीईओ व इसी तरह से जिले पर मलेरिया, कुष्ठ, संक्रामक रोग विभाग, आइडीएसपी, दवाओं के इंडेंट आदि के साथ-साथ एचएमआइएस, यूपीएचएमआइएस के साथ-साथ एक दर्जन से अधिक पोर्टल पर अधिकारियों कर्मचारियों को रिपोर्ट करना पड़ता है। इस संदर्भ में जब मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल कुमार चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था जल्द शुरू होगी। इसके संचालन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। एक पोर्टल पर सभी आंकड़े मिलने पर विभाग को काफी सहुलित होगी। स्टाफ को भी परेशानी नहीं होगी।