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    कैंसर होने के दो साल पहले ही पता लगा लेगा एम्स, रोग होने से पहले ही शुरू होगा इलाज

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Thu, 31 Mar 2022 08:15 AM (IST)

    AIIMS Gorakhpur अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में मालीक्यूलर बायोलाजी लैब की सुविधा शुरू हो गई है। इस लैब की स्थापना के बाद एम्स में अब कैंसर होने के दो साल पहले ही इसका पता लगा लिया जाएगा।

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    अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) गोरखपुर। - फाइल फोटो

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने रोगों की पहचान, उनका भविष्य व उपचार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब यहां कैंसर समेत अनेक गंभीर रोगों के शुरू होने के दो साल पहले ही उनके बारे में पता लगा लिया जाएगा। यह संभव हो सकेगा मालीक्यूलर बायोलाजी लैब से। इस लैब का उद्घाटन कार्यकारी निदेशक डा. सुरेखा किशोर ने बुधवार को किया।

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    बायो केमेस्ट्री विभाग में स्थापित इस लैब में जीन की जांच होगी और विभिन्न रोगों पर शोध किए जाएंगे। पहला शोध चेहरे पर पड़ने वाली छाईं के कारणों पर शुरू कर दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी डर्मेटोलाजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुनील कुमार गुप्ता को दी गई है। इस शोध के लिए 76 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

    एम्स में शुरू हुई मालीक्यूलर बायोलाजी लैब, होगी जीन की जांच

    डा. सुरेखा किशोर ने कहा कि मालीक्यूलर बायोलाजी लैब शोध के लिए सबसे उत्तम लैब है। इसके माध्यम से शोध के अलावा उपचार की प्लानिंग भी की जाएगी। इससे डायग्नोसिस (रोग के कारणों की जांच), प्राग्नोसिस (रोग की दशा व भविष्य) व ट्रीटमेंट (किस हद तक उपचार हो सकता है) का पता चल सकेगा। इस लैब में जीन सिक्वेंसर मशीन लग जाने से यहां जीनोम सिक्वेंसिंग भी हो सकेगी। उम्मीद की जाती है कि शीघ्र ही यह मशीन भी लग जाएगी।

    बीमारी होने से पूर्व किया जा सकेगा इलाज

    बायो केमेस्ट्री विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष डा. हरिशंकर जोशी ने कहा कि इस लैब के जरिये अपरिचित शारीरिक परिवर्तनों का पता लगाया जा सकेगा और बीमारी होने से पूर्व उसका प्रबंधन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। जैसे किसी को दो साल बाद कैंसर होने वाला है तो जीन की जांच में यह बात सामने आ जाएगी। उसके जीन में कैंसर का डीएनए मौजूद होगा। उसका उपचार शुरू कर दिया जाएगा। इसी तरह से अन्य गंभीर रोगों के बारे में रोग शुरू होने के पूर्व ही पता किया जा सकेगा।

    संचालन करते हुए डा. शैलेंद्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि इस लैब से विश्व स्तरीय शोध हो सकेंगे और उसके सुखद परिणाम सामने आएंगे। इस अवसर पर डा. रुचिका अग्रवाल, डा. अलका त्रिपाठी, डा. इंदु सक्सेना, डा. हीरालाल भल्ला, डा. विकास श्रीवास्तव व पंकज आदि उपस्थित थे।