MMMUT में बनेगा एम्स का सेटेलाइट सेंटर, दोनों संस्थानों के बीच बनी सहमति- रोगियों को मिलेगी बेहतर सुविधा
एमएमएमयूटी ने 20 एकड़ जमीन देने पर सहमति जताई है। सेटेलाइट सेंटर में ओपीडी की सुविधा उपलब्ध होगी। जिससे पूर्वांचल बिहार व नेपाल के रोगियों को सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही विदेश से भी डॉक्टर बुलाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एम्स के विस्तार का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) ने अपने परिसर में एम्स को 20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। जमीन मिलने के बाद एम्स वहां अपना सेटेलाइट सेंटर बनाएगा। वहां कुछ विभागों का ओपीडी संचालित किया जाएगा। इसमें सुपर स्पेशियलिटी का ओपीडी भी शामिल हो सकता है। इसके अलावा एमएमएमयूटी के छात्रों को सेटेलाइट सेंटर से जोड़कर उन्हें सामान्य स्वास्थ्य शिक्षा की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए विशेष कक्षा आयोजित की जा सकती है। इसका प्रारूप जमीन मिलने के बाद तय किया जाएगा।
दोनों संस्थानों के बीच बनी सहमति
जमीन के मामले में दोनों संस्थानों के अधिकारियों के बीच सहमति बन चुकी है। एम्स कुछ और जमीन की तलाश कर रहा है। कमिश्नर से भी इस संबंध में वार्ता की गई है। उन्होंने भी जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। एम्स का लगातार विस्तार हो रहा है। नए विभाग खुल रहे हैं। अब एम्स ने सुपर स्पेशियलिटी सेवा भी शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए अन्य एम्स व चिकित्सा संस्थानों से सुपर स्पेशलिस्टों से करार किया जा रहा है, ताकि वे माह में कम से कम एक-दो दिन एम्स को अपनी सेवाएं दें, ताकि यहां के रोगियों को रेफर न करना पड़े। इसके साथ ही विदेश से भी डॉक्टर बुलाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
अनेक देशों में डॉक्टरों को छह साल ड्यूटी के बाद एक साल का अवकाश मिलता है। उनसे इस अवकाश का सदुपयोग एम्स गोरखपुर में करने का अनुरोध किया जा रहा है। डॉक्टर बढ़ेंगे तो ओपीडी के लिए जगह चाहिए, जो एम्स के पास नहीं है। एयरपोर्ट के बगल में होने के कारण भवनों की ऊंचाई पांच मंजिल से अधिक की नहीं जा सकती है। ऐसे में एम्स जमीन की तलाश कर रहा है। इसी क्रम में एमएमएमयूटी से वार्ता हुई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
एम्स के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने बताया कि एमएमएमयूटी ने 20 एकड़ जमीन देने का आश्वासन दिया है। जमीन मिलने के बाद वहां सेटेलाइट सेंटर बनाकर कुछ विभागों का ओपीडी चलाया जाएगा। और भी जमीन की तलाश की जा रही है, ताकि हम आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा सकें।