नए भवन में शिफ्ट हुई एम्स की ओपीडी, अब खड़ा होकर नहीं लगानी पड़ रही लाइन Gorakhpur News
रजिस्ट्रेशन व पर्चा काउंटर पर भी जगह बहुत कम थी एम्स का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत फरवरी माह में किया। इसी के साथ 11 विभागों की ओपीडी एम्स में शुरू हो गई।
गोरखपुर, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओपीडी अब नवनिर्मित भवन में शिफ्ट हो गई है। इसके पहले वह आयुष भवन में चल रही थी, जहां जगह बहुत कम थी। नए भवन में पर्याप्त जगह होने से एम्स प्रशासन ने मरीजों व तीमारदारों को बेहतर सुविधा प्रदान की है। अब किसी मरीज को रजिस्ट्रेशन कराने, ओपीडी पर्चा बनवाने या डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ रहा है। वे पर्चा जमा करके कुर्सी पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
तब थी बहुत कम जगह, खुले आसमान में खड़े रहते थे पर्ची बनवाने वाले
रजिस्ट्रेशन व पर्चा काउंटर पर भी जगह बहुत कम थी एम्स का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत फरवरी माह में किया। इसी के साथ 11 विभागों की ओपीडी एम्स में शुरू हो गई। आयुष भवन में भूमि तल व प्रथम तल पर कुल 32 कमरे थे, जिसमें ओपीडी काउंटर, डॉक्टर रूम, पैथोलॉजी आदि किसी तरह से चल रही थी। रजिस्ट्रेशन व पर्चा काउंटर पर भी जगह बहुत कम थी, जहां बैठने की जगह तो दूर आधा से अधिक मरीजों को तेज धूप या बारिश में भवन के बाहर खुले मैदान में लाइन लगाकर खड़ा होना पड़ता था।
अब मरीजों और तीमारदारों के लिए भी कुर्सी की व्यवस्था
अब नए ओपीडी भवन में इन समस्याओं से निजात मिल गई है। अभी भवन का भूमि तल व प्रथम तल ही ओपीडी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनों तल पर 96-96 कमरे हैं। ओपीडी पर्चा व रजिस्ट्रेशन काउंटर के लिए बड़ा हॉल है, जिसमें कुर्सियां लगी हुईं हैं। मरीज रजिस्ट्रेशन या पर्चा के लिए काउंटर पर संबंधित कागजात जमा कर आराम से कुर्सियों पर बैठ रहे हैं। उनका नंबर आने पर उन्हें बुलाया जा रहा है। अब काउंटर पर मरीजों की कोई भीड़ है न लाइन।
इन विभागों की चल रही ओपीडी
मेडिसिन, सर्जरी, गाइनोकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स, पीडियाट्रिक्स, ईएनटी, ऑप्थल्मोलॉजी, डेंटिस्ट, ऑर्थोपेडिक्स, डर्मेटोलॉजी, साइकाइट्री, रेडियोलॉजी।
अब तीन हजार भी मरीज आ जाएं तो कोई बात नहीं
एम्य के डिप्टी डायरेक्टर अश्विनी माहौर ने इस संबंध में कहा कि नए भवन में ओपीडी शिफ्ट कर दी गई है। इससे मरीजों, तीमारदारों को आराम मिल गया है। जगह बहुत पर्याप्त है। यहां आठ-नौ सौ की प्रतिदिन की ओपीडी है। अब यदि तीन हजार से अधिक मरीज भी आ जाएं तो जगह कम नहीं पड़ेगी।