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    AIIMS के चेयरमैन नेफ्रोलाजिस्ट पद्मश्री डॉ. हेमंत कुमार से खास बातचीत, बोले-सुपरस्पेशियलिटी पर रहेगा फोकस, रोगी की संतुष्टि हमारा उद्देश्य

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 03:22 PM (IST)

    गोरखपुर एम्स के नए चेयरमैन डॉ. हेमंत कुमार ने रोगियों को बेहतर उपचार और उनके तीमारदारों को रोगों से बचाने पर जोर दिया है। सुपरस्पेशिलिटी विभागों को शुरू करने इमरजेंसी सेवाओं को मजबूत करने और चिकित्साकर्मियों को प्रोत्साहित करने की योजना है। उन्होंने किडनी रोगियों के लिए ट्रिपल पी फार्मूला का उल्लेख किया और हर डॉक्टर को अपना मॉडल बनाने की सलाह दी।

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    एम्स गोरखपुर के चेयरमैन वरिष्ठ नेफ्रोलाजिस्ट (किडनी रोग विशेषज्ञ) पद्मश्री डा. हेमंत कुमार।-जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स गोरखपुर के चेयरमैन वरिष्ठ नेफ्रोलाजिस्ट (किडनी रोग विशेषज्ञ) पद्मश्री डा. हेमंत कुमार का पूरा जोर रोगियों के उत्कृष्ट उपचार और तीमारदारों को रोगों से बचाव की जानकारी पर होगा। एम्स गोरखपुर में सुपरस्पेशिलिटी के सभी विभागों को शुरू करने के लिए चेयरमैन अन्य संस्थानों के डाक्टरों से बात करेंगे।

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    उनके पढ़ाए गए कई डाक्टर इस समय बड़े-बड़े संस्थानों में विभागाध्यक्ष भी हैं। इनसे बात कर वह डाक्टरों की टीम एम्स गोरखपुर में बुलाएंगे। इमरजेंसी की व्यवस्था को मजबूत कराएंगे। चेयरमैन डा. हेमंत कुमार सोमवार को पटना से गोरखपुर आएंगे और मंगलवार को फैकल्टी सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। वह पटना में किडनी रोगियों के निस्वार्थ सेवा के लिए जाने जाते हैं। दैनिक जागरण ने एम्स गोरखपुर को लेकर उनकी योजनाओं पर बात की।

    चेयरमैन डा. हेमंत कुमार ने कहा कि रोगी और उनके तीमारदारों को यह नहीं पता होता कि जिस अस्पताल में वह जा रहे हैं, किस श्रेणी का है। यह प्राथमिक स्तर का अस्पताल है, द्वितीय स्तर का है या उच्च-स्तरीय देखभाल का है। रोगी को सिर्फ अच्छा उपचार चाहिए होता है।

    यह डाक्टर की जिम्मेदारी होती है कि वह रोगी का तत्काल परीक्षण कर उसकी श्रेणी का निर्णय ले। रोगी और तीमारदार की आकांक्षा सिर्फ इतनी होती है कि अच्छा उपचार मिले। हम यदि अच्छा काम करते हैं तो रोगी को संतुष्टि मिलती है।

    अस्पताल में कार्यरत शिक्षक और डाक्टरों को समय पर प्रमोशन, इंसेंटिव दिलाया जाएगा ताकि चिकित्साकर्मियों में उत्साह और जोश बना रहे और वह पूर्ण समर्पण भाव से अपने शैक्षणिक और चिकित्सीय कर्तव्यों का निर्वहन करें।

    रोगी के साथ तीमारदार का भी परीक्षण

    डा. हेमंत कुमार ने कहा कि किडनी रोग से पीड़ितों का उपचार करने के साथ ही उनके साथ आए तीमारदारों को भी जागरूक करता हूं। उनको रोग, लक्षण, बचाव के बारे में बताता हूं। मेरे पास न सिर्फ रोगी वरन उनके तीमारदारों का भी रिकार्ड होता है। इन तीमारदारों की काउंसलिंग भी कराता हूं ताकि यह रोगी की तो सही से देखभाल करें ही, खुद भी स्वस्थ रहें। नियमित अंतराल पर तीमारदारों के स्वास्थ्य की भी जांच कराता हूं।

    ट्रिपल पी माडल से बचाते हैं जान

    एम्स गोरखपुर के चेयरमैन पद्मश्री डा. हेमंत कुमार ने किडनी रोग से पीड़ितों और भविष्य में रोग न हो इसके लिए ट्रिपल पी का फार्मूला इजाद किया है। इसमें पहला पी प्रीवेंटिव नेफ्रोलाजी यानि किडनी रोगों से बचाव का है। किडनी रोगों से बचाव के लिए क्या करना है, इसके बार में विस्तार से बताया जाता है। दूसरा पी पीडियाट्रिक नेफ्रोलाजी यानि बच्चों में किडनी के रोग से जुड़ा है।

    डा. हेमंत कुमार कहते हैं, ''''बच्चा अपनी समस्या के बारे में बता नहीं सकता है। चार वर्ष का बच्चा यह नहीं बता पाएगा कि उसे पेशाब में दिक्कत है या शरीर में सूजन है। यह स्वजन की जागरूकता से संभव होगा। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम लगातार चलाए जाते हैं।''''

    तीसरा पी पैलिएटिव नेफ्रोलाजी यानी लाइलाज होने की स्थिति में रोग के लक्षण को कम करना। डा. हेमंत कहते हैं, ''''मान लीजिए किसी 80 वर्ष के कैंसर रोगी को किडनी की कोई समस्या हो गई तो ऐसी स्थिति में हमें रोग के लक्षण को कम करने की कोशिश करनी चाहिए न कि रोगी को उसके हाल पर छोड़ना चाहिए।''''

    हर डाक्टर बनाए अपना माडल

    रोगी के उपचार को लेकर हर डाक्टर का अपना माडल होना चाहिए। इस माडल को केंद्र में रखकर उसे रोगियों के उपचार, उनसे बातचीत, उनके तीमारदारों को जागरूक करना आदि शामिल करना चाहिए। रोगी का जीवन गुणवत्तापूर्ण करना और इसमें सतत सुधार करना चाहिए। खुद का माडल होने से डाक्टर को उपचार में आसानी होती है।

    कार्यकारी निदेशक के अनुभव का मिलेगा लाभ

    चेयरमैन डा. हेमंत कुमार ने कहा कि एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता के अनुभव का संस्थान को बहुत लाभ मिलेगा। उनके साथ बैठक कर एम्स गोरखपुर में उपचार, पठन-पाठन, शैक्षणिक गतिविधियों, शोध को बढ़ाने, रोगियों से जुड़कर समुदाय तक पहुंच बनाने की कार्ययोजना बनाई जाएगी।

    एम्स गोरखपुर के चेयरमैन

    • पहले- डा. अम्बरीश मित्तल, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट हैं। जून 2020 में तैनाती हुई। जनवरी 2023 में इस्तीफा देकर चले गए।
    • दूसरे- देशदीपक वर्मा, सेवानिवृत्त आइएएस। इनके कार्यकाल में एम्स गोरखपुर में कई विभाग शुरू हुए। इमरजेंसी सेवाएं मजबूत और व्यवस्थित हुईं। रोगियों के उपचार से जुड़े कार्यों को काफी महत्ता दी गई।
    • तीसरे- डॉ. हेमंत कुमार, नेफ्रोलॉजिस्ट, पटना।