AIIMS Gorakhpur: 750 बेड का अस्पताल और 14 आपरेशन थियेटर तैयार, जून से बदल जाएगी एम्स की सूरत
AIIMS Gorakhpur News एम्स में जून से 750 बेड का अस्पताल व 60 बेड का आइसीयू संचालित होगा। यहां 450 बेड अस्पताल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। आइसीयू संचालित होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार व नेपाल के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार व नेपाल के रोगियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। जून के दूसरे पखवारे से एम्स में 750 बेड का अस्पताल व 60 बेड का आइसीयू संचालित होगा। अभी आइसीयू की सुविधा नहीं है। अस्पताल भी मात्र 300 बेड का संचालित किया जा रहा है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, नेपाल व बिहार के रोगियों को मिलेगी राहत
एम्स में दो भवनों में अस्पताल का संचालन होगा। 300 बेड का अस्पताल सात दिसंबर 2021 से ही चल रहा है। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया था। 450 बेड अस्पताल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। कार्यदायी संस्था ने 15 जून तक इसे एम्स को हस्तांतरित करने का आश्वासन दिया है। 14 आपरेशन थियेटर (ओटी) भी बनकर तैयार हो चुके हैं। इसके बाद पूरी क्षमता के साथ एम्स का संचालन शुरू हो जाएगा। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार व नेपाल के रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी।
हो सकेंगे बड़े आपरेशन
आइसीयू संचालित होने से बड़े आपरेशन संभव हो सकेंगे। एनेस्थीसिया मशीन पहले ही आ चुकी है। आपरेशन से प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध होगी। आइसीयू के लिए पोर्टेबल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध है। अब एम्स एक्सरे मशीन भी लगा रहा है। अभी तक हिंद लैब के जरिये यह सुविधा रोगियों को मिल रही थी। शीघ्र ही हार्ट, न्यूरो, नेफ्रो व यूरो के डाक्टर भी तैनात कर दिए जाएंगे। इसके बाद सभी तरह के आपरेशन होने लगेंगे। रक्त के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल के रक्तकोष से समझौता हो चुका है।
छह माह बाद शुरू होगी इमरजेंसी
अस्पताल व आइसीयू संचालित होने के बाद भी इमरजेंसी सेवा अभी छह माह बाद शुरू हो पाएगी। इसकी तैयारी चल रही है। अभी केवल ओपीडी में आए रोगी ही भर्ती किए जाएंगे। एम्स के पास 78 चिकित्सक-शिक्षक, 33 सीनियर रेजीडेंट व 50 जूनियर रेजीडेंट हैं। 435 नर्सें हैं।
आपरेशन थियेटर का उद्घाटन आज
मीडिया प्रभारी डा. शशांक शेखर ने बताया कि स्टरलाइज रूम व 14 आपरेशन थियेटर बनकर तैयार हो चुके हैं। इनका उद्घाटन बुधवार को सुबह 11 बजे कार्यकारी निदेशक डा. सुरेखा किशोर करेंगी। शुरुआत में सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, नाक-कान-गला रोग, हड्डी, दंत व चर्म रोग विभाग का ही ओटी संचालित किया जाएगा। संबंधित डाक्टरों की तैनाती के बाद सभी विभागों के ओटी शुरू कर दिए जाएंगे।