UP में मिलावटी पनीर बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, डिटर्जेंट और रीठा मिलने से मचा हड़कंप
गोरखपुर के बरईपुर गाँव में मो. खालिद की पनीर फैक्ट्री पर छापा मारा गया। फैक्ट्री में मिलावटी पनीर और उसे बनाने का सामान जैसे केमिकल और रिफाइंड तेल बरामद हुआ। टीम ने नमूने लिए। ग्रामीणों ने बताया कि फैक्ट्री से निकलने वाले दुर्गंध युक्त पानी से वे परेशान थे। पहले भी इस फैक्ट्री पर छापा मारा गया था पर धंधा जारी रहा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पिपराइच के बरईपुर गांव में मो. खालिद की पनीर फैक्ट्री पर मंगलवार शाम 6:30 बजे छापा मारा गया। यहां दौ सौ किलोग्राम मिलावटी पनीर, पनीर बनाने के लिए तैयार किया जा रहा आठ सौ लीटर घोल, मिल्क पाउडर, रिफाइंड तेल, सैकरीन और कई तरह के केमिकल मिले हैं। टीम ने 10 नमूने लिए हैं। दो मई को अंतरजनपदीय टीम ने छापा मारा था तो चार सौ किलोग्राम मिलावटी पनीर मिली थी।
इसके बाद भी संचालक नहीं माना। कार्रवाई होते ही पूरे गांव के लोग इकट्ठा हो गए। वह पनीर बनाने के दौरान निकलने वाले दुर्गंध युक्त पानी से परेशान थे। ग्रामीणों ने कार्रवाई करने वाली टीम का साथ दिया और केमिकल भी जब्त कराया। विभाग को अंधेरे में रखने के लिए मो. खालिद ने पहले फैक्ट्री का नाम अनमोल लिखा था। कार्रवाई के बाद उसने नाम हटा दिया। अब बिना नाम का मिलावट का धंधा चल रहा था।
पिपराइच संवाददाता के अनुसार सहायक आयुक्त खाद्य डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि दो मई को भी कार्रवाई हुई थी लेकिन उस समय बड़ी सफलता नहीं मिली थी। तब पता चला था कि बड़े पैमाने पर मिलावटी खाद्य सामग्री शाम को बनाई जाती है। टीम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव, अंकुर, नागेंद्र, आभा, संतोष, उमाशंकर, विनय, प्रतिभा, आशुतोष, श्रीनिवास, विजय नंद, स्वामीनाथ, कमल नारायण, नरेंद्र शामिल रहे।
डिटर्जेंट पाउडर, रीठा, मिल्क पाउडर और तेल से बनाते पनीर
मो. खालिद की फैक्ट्री में 10 बोरा में भरकर रखा 250 किलोग्राम मिल्क पाउडर मिला। छह डिब्बे में कपड़ा साफ करने वाला डिटर्जेंट, बाल धुलने में इस्तेमाल होने वाला रीठा, ह्वाइटनर, गुलाब जल, सोयाबीन, 225 लीटर रिफाइंड व पामोलीन तेल मिला। खाद्य पदार्थों को मीठा करने में इस्तेमाल होने वाल सैकरीन भी मिला। इसके पैकेट पर अखाद्य के साथ ही लौह पदार्थों की सफाई वाली सूचना दर्ज है। इससे पहले आइसक्रीम फैक्ट्री में यह पाउडर मिला था।
बनाया जा रहा था नकली पनीर। जागरण
दो मई को यह मिला था
15-15 लीटर वाले सात टिन में 103 लीटर पामोलिन आयल, सौ किलोग्राम मिल्क पाउडर और रिफाइंड आयल के पांच टिन मिले थे। पनीर को काटे गए टिन में रखा गया था। जिस पानी में पनीर रखा गया था उसमें असंख्या मक्खियां मरी मिली थीं। पानी भी गंदा था। इसके बाद पनीर को नष्ट करा दिया गया था।
महराजगंज, संतकबीरनगर और कुशीनगर में बिक्री
मिलावटी पनीर की बिक्री गोरखपुर में कम की जाती थी। इसे महराजगंज, संतकबीरनगर, कुशीनगर में बेचा जाता था। शाम को पनीर तैयार कर वाहनों से आर्डर वाले स्थानों पर भेजा जाता था और वापस में मिलावट के लिए सामान खरीदकर इन्हीं वाहनों के माध्यम से फैक्ट्री में पहुंचाया जाता था। गोलघर के खोवा मंडी में भी कुछ मात्रा में पनीर मंगाने की चर्चा है।
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रोजाना चार लाख रुपये के मिल्क पाउडर की खपत
सूत्रों का कहना है कि मो. खालिद की रोजाना तकरीबन चार लाख रुपये के मिल्क पाउडर से मिलावटी पनीर बनाकर बेचा जाता था। यहां बड़ी मशीन भी मिली है। इसमें सोयाबीन, रीठा आदि को पीसा जाता था। ब्वायल भी लगा मिला। पनीर बनाने के लिए तैयार घोल को चार से छह घंटे जलाया जाता था। इसके बाद स्वाद और सुगंध के लिए केमिकल डाले जाते थे।
एक किलो पनीर बनाने में लगता है पांच लीटर दूध
एक किलोग्राम शुद्ध पनीर तैयार करने में पांच लीटर दूध की जरूरत होती है। मो. खालिद की फैक्ट्री में सिर्फ 30 लीटर पैकेट वाला दूध मिला। बताया जा रहा है कि पहले फैक्ट्री में डेयरी खुली थी लेकिन काम नहीं चला तो मिलावट का धंधा शुरू कर दिया गया।
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पूरी तरह के गोपनीय रखी गई थी कार्रवाई
गोरखपुर: सहायक आयुक्त खाद्य डा. सुधीर कुमार सिंह ने पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा था। यहां तक कि छापेमारी में शामिल 16 सदस्यीय टीम को भी नहीं पता था कि कहां जाना है। सभी को एक जगह बुलाया गया और यहां से वाहन से पूरी टीम निकली। जब छापा पड़ा तो मिलावट का बड़ा धंधा देख सभी हैरान रह गए।
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