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    ज्ञान का उजाला फैला रही आचार्य राम चंद्र शुक्ल लाइब्रेरी, विद्यालय में बेटियों को मिल रही शिक्षा

    By Navneet Prakash TripathiEdited By:
    Updated: Mon, 04 Oct 2021 09:30 AM (IST)

    हिंदी आलोचकनिबंधकारसाहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम पर बस्ती शहर के टाउन क्लब में जलाई गई ज्ञान की ज्योति उजाला फैला रही है। यहां बनी लाइब्रेरी ...और पढ़ें

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    आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल के नाम से स्‍थापित लाइब्रेरी। फाइल फोटो

    गोरखपुर, एसके सिंह। हिंदी आलोचक,निबंधकार,साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम पर बस्ती शहर के टाउन क्लब में जलाई गई ज्ञान की ज्योति उजाला फैला रही है। यहां बनी लाइब्रेरी में कालेज और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सैकड़ों की संख्या में मेधावी छात्र पहुंच रहे हैं। जन सहयोग से स्थापित यह लाइब्रेरी आचार्य राम चंद्र शुक्ल को जानने और समझने के लिए युवाओं को प्रेरित कर रही है।

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    बस्‍ती जिले के अगौना गांव में हुआ था आचार्य का जन्‍म

    चार अक्टूबर 1884 में बस्ती जिले के अगौना गांव में जन्मे आचार्य शुक्ल के पिता चंद्रबली शुक्ल राजस्व विभाग में तैनात थे। महज नौ वर्ष की अवस्था में इनकी माता का देहांत हो गया। मातृ सुख के अभाव ने उनके व्यक्तित्व को अल्पायु में ही परिपक्व बना दिया। अध्ययन के प्रति लगनशीलता बाल्यकाल से ही थी। पिता की इच्छा थी कि कचहरी में जाकर दफ्तर का काम सीखें,लेकिन वह उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे। पिता ने उन्हें वकालत पढ़ने के लिए इलाहाबाद भेजा पर उनकी रुचि वकालत की बजाए साहित्य में रही। 1919 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक नियुक्त हुए और विभागाध्यक्ष तक का सफर तय किए।

    43 साल से मनाई जा रही जयंती

    डा.केपी मिश्र ने बताया कि आचार्य राम चंद्र शुक्ल को वर्ष 1978 में पहली बार जयंती के अवसर पर गांव में याद किया गया। तब से हर साल जयंती समारोह मनाई जा रही है। 1980 में गांव में आचार्य रामचंद्र शुक्ल बालिका इंटर कालेज की स्थापना की गई। वर्ष 2000 से लेकर 2005 तक हिंदी साहित्य के इस पुरोधा की यादों को जीवंत बनाए रखने के लिए मूर्ति,धर्मशाला के साथ ही पुस्तकालय और वाचनालय की स्थापना कराई गई। हालांकि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के आगे कुछ भी नहीं है। जनप्रतिनिधियों ने उपेक्षा की तो सरकारों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।

    टाउन क्लब को आचार्य रामचंद्र शुक्ल को किया समर्पित

    एक साल पहले बस्ती के तत्कालीन जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने गांधीनगर स्थित टाउन क्लब को अवैध कब्जे से मुक्त कराया और इसे आचार्य रामचंद्र शुक्ल को समर्पित कर दिया। क्लब में प्रतिमा,पुस्तकालय के साथ वालीबाल और बैडमिंटन कोर्ट की स्थापना की। पुस्तकालय में ज्ञान-विज्ञान के साथ ही हाईस्कूल,इंटर,डिग्री कालेज,पीजी कालेज के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए डोनेट अभियान चलाकर दो हजार से अधिक किताबें संकलित कराई। लाइब्रेरियन अमित शुक्ल ने बताया कि पुस्तकालय सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक खुला रहता है। प्रतिदिन सौ से अधिक छात्र यहां अध्ययन काे आते हैं।

    विधायक निधि से अगौना में बन रहा स्मृति द्वार

    महादेवा विधायक रवि सोनकर आचार्य रामचंद्र शुक्ल की स्मृतियों को जीवंत बनाए रखने के साथ ही युवा पीढ़ी को उनसे परिचित कराने के लिए अगौना में संचालित आचार्य रामचन्द्र शुक्ल बालिका इंटर कालेज के प्रवेश द्वार पर भव्य स्मृति द्वार का निर्माण करा रहे हैं। विधायक ने इस पर व्यय होने वाला बारह लाख रुपये विधायक निधि से दिया है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाती डा.अमृतेश शुक्ल ने विधायक के इस प्रयास की सराहना की। कहा इससे अध्ययनरत छात्राओं को महान व्यक्तित्व के बारे में जानने और समझने का मौका मिलेगा।