बीआरडी मेडिकल कॉलेज को आॅक्सीजन देने वाली कंपनी का मालिक गिरफ्तार
शुक्रवार को कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया था, विवेचक शाम को उसे रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करेंगे।
गोरखपुर(जेएनएन)। ऑक्सीजन समाप्त होने के कारण बाबा राघवदास मेडिकल कालेज गोरखपुर में 30 बच्चों की मौत के मामले में नामजद नौ लोगों में से अंतिम तथा नौंवा आरोपी भी आज गिरफ्तार कर लिया गया। ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के मनीष भंडारी को सीओ कैन्ट ने सुबह देवरिया बाइपास से गिरफ्तार कर लिया।
मनीष भंडारी मुकदमा दर्ज होने के बाद से फरार चल रहा था। परसों ही कोर्ट ने मनीष भंडारी को भगोड़ा घोषित किया था। कुर्की की तैयारी शुरू होने पर उसने आत्म समर्पण के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। लखनऊ का रहने वाला मनीष भंडारी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स का मालिक है। विवेचक शाम को उसे रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करेंगे।
मनीष गोरखपुर से निकल कर बिहार जाने की फिराक में था। इसी दौरान उसे गिरफ्तार किया गया। जब मनीष के वकील द्वार कोर्ट में समर्पण का प्रार्थन पत्र दिया गया था, उसी वक्त से इसे ट्रेस किया जा रहा था। तड़के मुखबिर से सूचना मिली कि देवरिया बाइपास के पास मौजूद है। यहां से वो देवरिया होते हुए बिहार निकलने की फिराक में है।
Gorakhpur child deaths-Accused Manish Bhandari arrested in Deoria. He is owner of Pushpa Sales, company that supplied oxygen to BRD Hospital
— ANI UP (@ANINewsUP) September 17, 2017
इसके बाद पुलिस टीम एक्टिव हुई और मनीष को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है कि अब तक वो कहां-कहां रहा। कोर्ट बंद होने के नाते मनीष को सोमवार को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि इस प्रकरण का नौवां आरोपी मनीष भंडारी फरार चल रहा था। मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार किया गया।
क्या है आरोप
ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड ने लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति के दायित्व को पूरा नहीं किया। ये काम क्रिमिनल एक्ट की कैटेगरी में आता है। 3 अगस्त को जानकारी दिए जाने के बाद भी इन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी। पुष्पा सेल्स का टर्नओवर 250 करोड़ का है। इस कंपनी की बेस वैल्यू 21 करोड़ रुपए है और वर्ष 2010-11 में कंपनी का टर्नओवर 250 करोड़ रुपए रहा था।
इतनी बड़ी कंपनी होने और वर्षों से काम करते रहने के बावजूद 63 लाख रुपए के लिए मनीष ने ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी। कंपनी ने 2014 में इस अस्पताल में सप्लाई शुरू की थी। पेमेंट का यह झगड़ा 23 नवंबर 2016 से शुरू हुआ। पुष्पा सेल्स कंपनी की शुरुआत मनीष के पिता चंद्रशेखर भंडारी ने 1985 में की थी। इनका हेड ऑफिस लखनऊ में और कॉर्पोरेट ऑफिस नई दिल्ली में है। कंपनी में पांच लोगों को डायरेक्टर बनाया गया है। इस समूह की एक और कंपनी पुष्पा हेल्थकेयर सर्विसेज भी है। 2003 में शुरू हुई यह कंपनी ऑपरेशन थिएटर को हाईटेक बनाने के इक्यूपमेंट, ऑपरेशन थिएटर की एलईडी लाइट आदि बनाने का काम करती है। कंपनी में अभी 200 कर्मचारी काम करते हैं।
चंद्रशेखर भंडारी की कुल 5 कंपनियां हैं, जिनमें सभी में इनके बेटे, बहू, पत्नी और समधी डायरेक्टर बिजनेस पार्टनर के रूप में हैं। इसके अलावा इनका गाड़ियों का शोरूम भी है। मनीष ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। लखनऊ के हाई प्रोफाइल ला मार्टीनियर स्कूल में पढ़ता था। उसकी शादी लखनऊ की ही साक्षी भसीन से हुई है।
यह है मामला
बीआरडी मेडिकल कालेज में 10 व 11 अगस्त को बालरोग विभाग में 30 से अधिक मासूमों की मौत हो गई थी। इसके अलावा मेडिसिन में भी 18 मरीजों की मौत हो गई। इस घटना के बाद शासन ने मुख्य सचिव की अगुआई में जांच टीम गठित की। रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस कार्यवाई कर रही है।
इनके खिलाफ दर्ज है मुकदमा
महानिदेशक चिकित्सा-शिक्षा डा. केके गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने हजरतगंज थाने में 23 अगस्त को तत्कालीन प्राचार्य डा. राजीव मिश्र समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसमें पूर्व प्राचार्य की पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला,वार्ड 100 के एनएचएम के नोडल अधिकारी डा. कफील खान, लिपिक सुधीर पांडेय को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। एनेस्थिसिया के विभागाध्यक्ष डा. सतीश कुमार, लिपिक गजानन्द ने कोर्ट में सरेंडर किया था। सहायक लेखाकार संजय त्रिपाठी को सीओ कैन्ट ने 12 सितंबर को कचहरी के पास और लिपिक उदय शर्मा को 14 सितंबर को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था।
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