Move to Jagran APP

गीता प्रेस गोरखपुर की धार्मिक पुस्तकों की बिक्री में टूटा 98 साल का रिकार्ड, एक माह में हुई इतने करोड़ की बिक्री

Gita Press Books Sale गीताप्रेस गोरखपुर ने 98 वर्षों में इस साल पांच महीनों में रिकार्डतोड़ बिक्री की है। इस साल जुलाई से नवंबर तक अब तक की सबसे ज्यादा धार्मिक पुस्तकों की बिक्री हुई है। इसमें अक्टूबर में सबसे बड़ा रिकार्ड कायम हुआ है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 12:37 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 10:12 AM (IST)
Gita Press Books Sale: गीता प्रेस गोरखपुर की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर। - सौजन्‍य, इंटरनेट मीड‍िया

गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। गीताप्रेस ने 98 वर्षों में इस साल पांच महीनों में रिकार्डतोड़ बिक्री की है। इस साल जुलाई से नवंबर तक अब तक की सबसे ज्यादा धार्मिक पुस्तकों की बिक्री हुई है। इसमें अक्टूबर में सबसे बड़ा रिकार्ड कायम हुआ है। इस माह में 8.67 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है। इतनी बिक्री गीताप्रेस के स्थापना 1923 से लेकर अब तक किसी एक माह में नहीं हुई है।

loksabha election banner

जुलाई से नवंबर तक हुई धार्मिक पुस्तकों को सबसे ज्यादा बिक्री

कोरोना संक्रमण के बाद लोगों की रुचि धार्मिक पुस्तकों में बढ़ी है। कोरोना की दूसरी लहर में जहां पूरा शहर ठप हो गया था। वातावरण में भी कोरोना संक्रमण की आशंका से लोग भयभीत थे। कोरोना संक्रमण काल के बाद लोगों का ईश्वर, धर्म व धार्मिक साहित्य की तरफ रुझान बढ़ा है। यही वजह है कि गीताप्रेस की पुस्तकों की बिक्री बढ़ गई। 2018-19 में जब कोरोना नहीं था तो अप्रैल से नवंबर तक 42.19 करोड़ की तथा 2019-20 में इन्हीं महीनों में पुस्तकों की बिक्री 41.2 करोड़ रुपये की हुई थी।

अक्टूबर में अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड, 8.67 करोड़ की बिक्री

कोरोना की पहली लहर के दौरान 2020-21 में पुस्तकों की बिक्री घटकर 30.22 करोड़ रुपये पर आ गई, इस साल मई में लगभग एक माह प्रेस बंद था। 2021-22 में कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर थी। बावजूद इसके अप्रैल से नवंबर तक 49.80 करोड़ रुपये की पुस्तकें बिकी हैं। इसमें सबसे ज्यादा बिक्री जुलाई से लेकर नवंबर तक हुई है। इन पांच महीनों में 38.45 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है। प्रबंधन का मानना है कि पुस्तकों की बिक्री लगातार बढ़ेगी। विभिन्न भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन हो रहा है और हर भाषा की पुस्तकों की मांग बढ़ रही है।

इस साल पांच माह पुस्तकों की बिक्री लाख में

जुलाई- 663.96

अगस्त- 630.32

सितंबर- 760.14

अक्टूबर- 867.69

नवंबर- 714

कोराेना संक्रमण काल एक आपदा थी, ऐसे समय में लोग ईश्वर की ओर उन्मुख होते हैं। दूसरे अनेक प्रकाशन बंद हो गए या उन्होंने कम पुस्तकें छापी। स्कूल-कालेज बंद होने से सामान्य बुकसेलरों ने भी गीताप्रेस की पुस्तकें बेची। इस वजह से गीताप्रेस की पुस्तकों की बिक्री बढ़ी है। - लालमणि तिवारी, प्रबंधक, गीताप्रेस।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.