हरे पेड़ों को काटना ब्रह्म हत्या
गोरखपुर : सभी देवताओं ने मिलकर इंद्र को लगे ब्रह्मा हत्या का दोष समाप्त करने के लिए उसे चार भागों म
गोरखपुर : सभी देवताओं ने मिलकर इंद्र को लगे ब्रह्मा हत्या का दोष समाप्त करने के लिए उसे चार भागों में बांटने का निर्णय लिया। एक भाग जल को दिया गया, जल में जो फेन दिखता है वह ब्रह्मा हत्या ही है। तीर्थ स्थानों या गंगा जल में नहाते समय साबुन नहीं लगाना चाहिए, जूते-चप्पल नहीं धोना चाहिए, यह सब ब्रह्मा हत्या ही है। दूसरा भाग वृक्षों को दिया गया, वृक्ष में जो गोंद होता है वह ब्रह्मा हत्या है, इसीलिए गोंद का प्रयोग किसी पूजा-पाठ, अनुष्ठान आदि में नहीं होता। हरे वृक्षों को काटना भी ब्रह्मा हत्या ही है।
यह बातें यह बातें कथावाचक विश्वनाथ भाई काश्यप ने कही। वह यहां गीता वाटिका में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम में शुक्रवार को व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीसरा भाग धरती को दिया गया, धरती पर जो ऊसर भूमि होती है वह ब्रह्मा हत्या है। स्त्रियों को चौथा भाग दिया गया, ऋतुकाल की अवस्था के निषिद्ध दिनों में पति-पत्नी के पास जाएगी तो बह्मा हत्या ही लगेगी, इस तरह इंद्रदेव ब्रह्मा हत्या से मुक्त हुए। वृत्तासुर ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि मेरे दोनों हाथों में लड्डू है, यदि इंद्र द्वारा मेरी मृत्यु हुई तो मुझे आपके चरणों में सद्गति मिल जाएगी और यदि मैंने इंद्र को हरा दिया तो यह राज्य मुझे मिल जाएगा और आप भी स्वत: ही मुझे मिल जाएंगे। इस अवसर पर उमेश कुमार सिंहानिया, रसेंदु फोगला, हरिकृष्ण दुजारी, अरविंद कुमार थरड व वासुदेव थरड आदि उपस्थित थे।
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