World Chocolate Day: गाय-भैंस के लिए चॉकलेट? UP में बनी खास 'डायट' से दुग्ध उत्पादन में जबरदस्त उछाल
गोंडा में कृषि विज्ञान केंद्र दुधारू पशुओं के लिए चाकलेट बना रहा है जिससे उनकी सेहत सुधरेगी और दूध उत्पादन बढ़ेगा। किसानों को चाकलेट बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे घर पर ही इसे बना सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। पशु चिकित्सा वैज्ञानिकों का कहना है कि चाकलेट खिलाने से पशुओं में प्रजनन संबंधी बीमारियों में कमी आती है।
जागरण संवाददाता, गोंडा। गाय हो या भैंस, दुधारू पशुओं की सेहत सुधारने के साथ ही दूध में वृद्धि के लिए कृषि विज्ञान केंद्र चाकलेट तैयार करके बिक्री करा रहा है। यह चाकलेट पशुओं को कई बीमारियों से भी बचाएंगे। किसान घर पर चाकलेट बनाकर उपयोग कर सकें, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिले के 25 किसानों ने भी चाकलेट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
दीनदयाल शोध संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री, कृषि विज्ञान केंद्र, गोपालग्राम में पशुपालन विभाग ने आईवीआरआई (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) बरेली की तकनीक से पशुओं के लिए वैज्ञानिक विधि से चाकलेट का उत्पादन शुरू किया है।
पशु चिकित्सा वैज्ञानिक डा. अभिषेक मिश्र ने बताया कि पशुओं को चाकलेट खिलाने से उनमें होने वाली प्रजनन संबंधित कई बीमारियां जैसे समय पर हीट न होना, गर्भधारण करने में समस्या, बेला रोग आदि में कमी आती है। यह चाकलेट कई प्रकार के खनिज की पूर्ति करता है।
चाकलेट में चोकर, चूनी, मिनरल मिक्सर, विटामिन, नमक, खली, यूरिया आदि का संतुलित मिश्रण बनाकर मेकिंग मशीन में डालकर ईंट के आकार का चाकलेट तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चाकलेट पशुओं को प्रतिदिन चाटने के लिए दिया जाता है, जिससे पशुओं के पाचन क्रिया में काफी सुधार होता है। दुग्ध उत्पादन एवं वसा प्रतिशत में वृद्धि होती है।
दो किलाेग्राम चाकलेट का मूल्य करीब 200 रुपये है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. चंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि पशु चाकलेट में एक साथ सभी पदार्थ का मिश्रण होने के कारण पशुपालकों का श्रम एवं समय की भी बचत होती है। केंद्र पर पशु चाकलेट बिक्री के लिए उपलब्ध है। 25 किसानों को चाकलेट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वह स्वरोजगार शुरू कर स्वावलंबी बन सकते हैं।
11 हजार रुपये की आती है चाकलेट बनाने की मशीन
पशुओं के लिए चाकलेट बनाने वाली मशीन की कीमत करीब 11 हजार रुपये है। कृषि विज्ञान केंद्र में दो किलोग्राम के करीब 30 चाकलेट बनाए जा चुके हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसानों को भी एक-एक चाकलेट दी गई है। किसानों की मांग पर चाकलेट तैयार किए जाते हैं। यहीं नहीं, किसानाें को उक्त सामग्रियों का पाउडर भी दिया जाता है।
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