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    बूढ़ा व देवर की जमीन में बसा बूढ़ादेवर गांव

    गोंडा : बूढ़ादेवर गांव अतीत की यादों को संजोए हुए है। बुजुर्ग रामसेवक गुप्ता की मानें तो ग

    By JagranEdited By: Updated: Mon, 10 Sep 2018 11:18 PM (IST)
    बूढ़ा व देवर की जमीन में बसा बूढ़ादेवर गांव

    गोंडा : बूढ़ादेवर गांव अतीत की यादों को संजोए हुए है। बुजुर्ग रामसेवक गुप्ता की मानें तो गांव में भगवत प्रसाद व रामायण प्रसाद दो भाई रहते थे। भगवती की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी बूढ़ा अपने देवर के साथ रक्षाबंधन में महाराजा देवीबख्श ¨सह को राखी बांधने गई थीं। राखी के बदले महाराजा ने बूढ़ा व देवर के नाम जमीन कर दी थी। इसके बाद इसी जमीन पर गांव बस गया, जिसे बूढ़ादेवर गांव के नाम से जाना जाता है।

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    इनपर है नाज : गांव में सेवानिवृत्त सैनिक सियाराम शुक्ल के साथ ही अन्य कई ऐसे लोग जिन्होंने देश की सेवा की है। गांव के विकास को लेकर स्वर्गीय टीकमचंद्र उपाध्याय, सत्यनरायन व ओम प्रकाश यादव ने काफी प्रयास किए। गांव को भगवत प्रसाद व रामायण प्रसाद दोनों भाइयों पर भी नाज है।

    आजीविका के साधन : खेती के साथ ही लोग मजदूरी करके आजीविका चलाते हैं। इसके अलावा काफी संख्या में नौकरीपेशा वाले लोग भी हैं। खुद के व्यवसाय के सहारे भी रोजी-रोटी कुछ लोगों की चल रही है।

    आधारभूत ढांचा : गांव में आठ मजरे हैं। जिसमें बूढ़ादेवर, बगिया, उसरैना, चड़निया, गरीबीपुरवा, भगवाने पुरवा, न्यू इंदिरा कॉलोनी, उपाध्यायनगर, भार्गव कॉलोनी शामिल हैं। आबादी 5600, जबकि मतदाता 2974 हैं। एक प्राइमरी स्कूल के साथ ही एक पोस्ट ऑफिस है। गांव से अस्पताल व थाने की दूरी चार किलोमीटर है। गांव में हैंडपंप के जरिए लोग पानी पीते हैं, जबकि 7 तालाब भी हैं।

    यह हो तो बने बात : न्यू इंदिरा कॉलोनी में सड़क व जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। शुद्ध पानी के लिए पाइप लाइन परियोजना की जरूरत है। सफाई व्यवस्था चौपट है। सड़क बदहाल है। रोजगार के लिए न तो बड़ा उद्योग है और न कोई अन्य व्यवस्था।

    दृष्टिकोण

    विकास के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। गांव में पाइप लाइन परियोजना की जरूरत है। जलनिकासी के लिए नाली की जरूरत है, इसके साथ ही रोजगार के लिए बेहतर इंतजाम हों तो स्थिति सुधर सकती है।

    -देवेंद्र प्रताप उर्फ दीपू यादव, प्रधान

    गांव में विकास कार्य तो हमने भी कराए थे, लेकिन स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। सड़क, जलनिकासी के साथ ही अन्य समस्याएं हैं, जिसका समाधान होने पर गांव बेहतर हो सकता है।

    -जगदीश, पूर्व प्रधान

    उपलब्धि : गांव में ही रेलवे स्टेशन के साथ ही अस्पताल भी है। इसके अलावा डीजल शेड का भी निर्माण हुआ है। पोस्ट ऑफिस के अलावा सरकारी स्कूल है। स्कूल को बेहतर बनाने के साथ ही गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने की मुहिम चल रही है।