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    गोंडा में नदियों का जलस्तर बढ़ने से लोग परेशान, कीचड़ और जलभराव से बीमारियों का खतरा

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 07:49 PM (IST)

    गोंडा में घाघरा और सरयू नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे कटान का खतरा बढ़ गया है। जलभराव और कीचड़ से बीमारियां फैल रही हैं लेकिन इलाज की व्यवस्था नहीं है। नवाबगंज के साकीपुर में फसलें डूब गई हैं।

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    नदियों का जलस्तर बढ़ने और कीचड़ व जलभराव से बीमारियों का खतरा।

    संवाद सूत्र, ढेमवाघाट (गोंडा)। नदियों का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर व अयोध्या में सरयू नदी दस सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। घाघरा नदी में तीन लाख 39 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

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    सरयू नदी स्थिर है जबकि घाघरा नदी बढ़ रही है,जिससे कटान की आशंका तेज हो गई है। लगातार कीचड़ व जलभराव से बीमारियों का डर बढ़ गया है,लेकिन इलाज का इंतजाम नही है।

    नवाबगंज में साकीपुर के दत्तनगर व गोकुला में जलस्तर बढ़ने से फसलों का नुकसान हो रहा है। साकीपुर के चहलावा व बाणी माझा में कटान से खेत व फसल नदी में समा रही है।

    जनक यादव ने बताया कि कटान की समस्या को झेल ही रहे थे, अब बीमारियों ने भी अपने पांव पसार लिए। बाणी माझा में ननके यादव का आवासीय छप्पर कटान की जद में है,लेकिन सर्वाधिक चिंता उन्हें अपने बेटी की है, जो दो दिन से बीमार है।

    अमरनाथ यादव का घर बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरा है। पूरा परिवार वाले पानी के ही रास्ते आ जा रहे हैं। वह बताते हैं कि उनके बीच न तो डॉक्टर ही आते हैं ना ही कोई अधिकारी, अब तो ऐसा लगता है कि कोई घटना भी घट जाए,तो कोई वहां नहीं आएगा। इनके लड़के सतीश यादव की भी तबीयत खराब है।

    खांसी व जुकाम के साथ भनभना रहे मच्छरों के काटने से फैल रही बुखार, मलेरिया समेत अन्य बीमारियों से जूझ रहे बाढ़ पीड़ितों का दर्द खत्म होने का नाम नही ले रहा है। नंदलाल यादव ने बताया कि उनके दो बच्चे भी खांसी व बुखार परेशान हैं।

    वे इलाज में काफी खर्च कर चुके हैं,लेकिन फिर भी नहीं राहत नहीं मिली। जगह-जगह रुका बाढ़ के पानी से मच्छर बढ़ रहे हैं,जो लोगों को बीमार बना रहे हैं। सुनील यादव के धान की फसल में कटान चालू है।

    उन्होंने बताया कि कई बार लेखपाल को फोन किया लेकिन वह बताने के बाद भी मौके पर नहीं आए। राम मिलन यादव ने बताया कि भूसे की मांग बढ़ गई है।