PM Fasal Bima Yojana: किसान भाइयों के लिए सरकार लाई बड़े फायदे की डील, फसल खराब होने पर मिलेगा मुआवजा
गोंडा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत धान और मक्का की फसलों के लिए प्रीमियम जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। गैर ऋणी किसान 14 अगस्त तक और ऋणी किसान 30 अगस्त तक बीमा करा सकते हैं। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों का बीमा कराएं और नुकसान होने पर 72 घंटे के भीतर सूचित करें।

जागरण संवाददाता, गोंडा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम जमा करने की अवधि बढ़ा दी गई है। गैर ऋणी कृषक 14 व ऋणी कृषक (केसीसी/क्रापलोन) 30 अगस्त तक अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा कराकर योजना का लाभ प्राप्त करें। खरीफ में बीमा योजना से धान व मक्का की फसल को अधिसूचित किया गया है। जिले में तीन लाख किसानों ने 1.71 लाख हेक्टेयर में धान व मक्का की बोआई की है। उप निदेशक कृषि ने किसानों से फसलों का बीमा कराने की अपील की है।
नंबर गेम
- 581000 जिले में पंजीकृत किसान
- 126057 हेक्टेयर में हुई है धान की बोआई
- 45583 हेक्टेयर मक्का की फसल का क्षेत्रफल
- 16301 आवेदन अबतक पोर्टल पर पंजीकृत
- 7472 किसानों ने जमा किया बीमा प्रीमियम
किसान स्वयं कर सकते हैं पंजीकरण
बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक विजय सिंह ने बताया कि किसान स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। किसान हेल्प लाइन नंबर पर काल करने से पहले अपना आधार, कृषक आईडी, खेत एवं फसल से संबंधित समस्त जानकारी/प्रपत्र अपने पास रखें।
किसानों को फसल बीमा कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक एवं फसल का विवरण (जिसका बीमा कराया जाना है)। फसल बीमा बैंक, कामन सर्विस सेंटर या पोर्टल WWW.PMFBY.GOV.IN पर स्वयं से भी पंजीकरण कर किया जा सकता है।
72 घंटे के अंदर सूचित करें किसान
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि फसल बीमा की तिथि कृषकों के हित में बढ़ाई गई है। बीमा कराते समय वास्तविक फसल एवं भूमि का उल्लेख अवश्य करें, जिससे क्षति के उपरांत बीमा कंपनी एवं कर्मचारी को सर्वे के समय कोई विपरीत परिस्थिति उत्पन्न न हो।
किसान फसल क्षति की सूचना 72 घंटे के भीतर नजदीकी फसल बीमा सेंटर, कृषि विभाग अथवा फसल बीमा हेल्प लाइन नंबर (14447) के माध्यम से अवश्य करें, जिससे फसल बीमा का लाभ समय से प्राप्त हो सके।
किसानों की मददगार है बीमा योजना
किसानों की आय का मुख्य साधन उनकी फसलें ही होती हैं लेकिन, असामायिक प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण कीट एवं बीमारियों का प्रकोप, सूखा, बाढ़, तूफान, ओलावृष्टि के साथ ही असफल बोआई आदि की स्थिति में किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित है। यह किसानों को फसल की क्षति से सुरक्षा प्रदान करती है। इसका प्रमुख उद्देश्य किसानों की आय को स्थिर बनाए रखना है।
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