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    गोंडा में इंफेक्शन और वायरल बुखार से लोगों में दहशत, एक सप्ताह में 17 लोगों की मौत

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 04:39 PM (IST)

    गोंडा जिले में इंफेक्शन और वायरल बुखार से दहशत का माहौल है। पिछले एक सप्ताह में 17 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल टीमें भेजकर जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों में भय व्याप्त है और स्वास्थ्य विभाग सावधानी बरतने की सलाह दे रहा है।

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    इंफेक्शन, खांसी व वायरल बुखार के मरीज बढ़े।

    संवाद सूत्र, गोंडा। दिन में गर्मी और रात में मौसम ठंडा होने से बीमारियों ने जोर पकड़ लिया है। सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित मरीज मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय की ओपीडी में परामर्श के लिए प्रतिदिन दो हजार से 2200 मरीज पहुंच रहे हैं। बीते एक सप्ताह में बुखार, सांस लेने में दिक्कत समेत अन्य बीमारियों से 17 रोगियों की मौत हो गई है।

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    मौसम में लगातार हो रहे बदलाव का असर छोटे से लेकर बड़ों तक पर दिखने लगा है। दिन में धूप व शाम को हल्की ठंड बढ़ने से बुजुर्ग व बच्चे, वायरल, सर्दी-जुकाम व निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। लोगों में गले के खराश के साथ सांस फूलने की दिक्कत बढ़ी है।

    सिरदर्द की शिकायत लेकर आने वाले रोगियों का ब्लड प्रेशर बढ़ा मिल रहा है तो वायरल फीवर के शुगर बढ़े संबंधी मरीज आ रहे हैं। मेडिकल कालेज से संबद्ध बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आफताब आलम कहते हैं कि थोड़ी सी लापरवाही से परेशानी खड़ी हो सकती है।

    नवजात बच्चों के मामलों में और भी सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि धूल से सिकुड़ रही नसें प्रभावित होती हैं। सहायक आचार्य व चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश पांडेय कहते हैं कि मौसम बदलने से सांस की नलियों में सिकुड़न आने लगती है। इसलिए हर हाल में एलर्जी से बचना चाहिए।

    इस मौसम में हृदय व अस्थमा के मरीजों को अधिक परेशानी होती है। मेडिकल कालेज के सहायक आचार्य डा. एजाज अहमद कहते हैं कि शीघ्र थकान व सांस फूलने आदि जैसे लक्षण दिखते ही व्यक्ति को तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।

    मौसम में बदलाव से रोगियों की संख्या बढ़ी है। सांस, हृदय, शुगर, इंफेक्शन, खांसी व बुखार के मरीज आ रहे हैं। मेडिकल कालेज से संबद्ध चिकित्सालय में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं। चिकित्सकों को बेहतर उपचार का निर्देश दिया गया है। -डॉ. धनंजय श्रीकांत कोटास्थाने, प्रधानाचार्य स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय।