Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गो आश्रय केंद्र में हिंयुवा कार्यकर्ताओं को बनाया बंधक; अव्यवस्था पर ग्रामीणों का प्रदर्शन Gonda News

    By Divyansh RastogiEdited By:
    Updated: Mon, 16 Dec 2019 09:44 PM (IST)

    गोंडा के कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र का मामला। गो आश्रय केंद्र में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को बनाया बंधक। ...और पढ़ें

    Hero Image
    गो आश्रय केंद्र में हिंयुवा कार्यकर्ताओं को बनाया बंधक; अव्यवस्था पर ग्रामीणों का प्रदर्शन Gonda News

    गोंडा, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश के गोंडा स्थित गो आश्रय केंद्र का हाल देखने पहुंचे हिंयुवा कार्यकर्ताओं को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें छुड़ाया। पुलिस कुछ लोगों को कोतवाली ले गई। वहीं, ग्रामीणों ने केंद्र की अव्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ये है पूरा मामला 

    मामला कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के गुरवलिया गांव स्थित गो आश्रय केंद्र का है। यहां सोमवार की शाम हिंदू युवा वाहिनी की बैठक हुई। इसमें नायब तहसीलदार, कानूनगो सहित अन्य शामिल रहे। बैठक खत्म होने के बाद कार्यकर्ता गो आश्रय केंद्र में रखे गए बेसहारा पशुओं की हालत देखने पहुंचे। आरोप है कि वहां कार्यकर्ताओं को केंद्र संचालक/प्रधान ने सहयोगियों की मदद से बंधक बना लिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने नायब तहसीलदार की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं को वहां से बाहर निकलवाया। कार्यकर्ता अंकित गोस्वामी व रंजीत का आरोप है कि आश्रय केंद्र में आठ-दस गोवंश मरणासन्न थे, जिनकी फोटो खींचने के दौरान संचालक द्वारा घटना को अंजाम दिया गया। अंकित ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। सीओ जितेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि आरोपित प्रधान सुरेश सिंह को कब्जे में लेकर छानबीन की जा रही है।

    गो आश्रय केंद्र की अव्यवस्था पर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी, प्रदर्शन

    उधर, व्याप्त भ्रष्टाचार मनमानी व किसानों की फसलों को बेसहारा जानवरों से बचाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने विकासखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी को संबोधित मांगपत्र एडीओ आइएसबी ईदल प्रसाद को सौंपा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गो आश्रय केंद्र में सरकारी बजट का दुरुपयोग किया जा रहा है। केंद्र में रहने वाले पशुओं के चारे व रहने का उचित प्रबंध नहीं है। पशुओं को गेट के बाहर कर दिया जाता है जो, फसलों को चौपट कर देते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इसके पूर्व धान सहित अन्य फसलें नष्ट हो गई थीं। इसकी सूचना बीडीओ छपिया व ग्राम पंचायत सचिव को दी गई थी लेकिन, अब तक किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया। ग्रामीणों ने व्यवस्था में सुधार न होने पर धरना व आमरण अनशन की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में विनोद कुमार पांडेय, संदीप पांडेय, अनिल भारती, परशुराम, राहुल पांडेय, अनुज पांडेय, विशाल पासवान, रामचंदर शर्मा, नरङ्क्षसह, मुरली यादव शामिल रहे।