Gonda News: 12 गांवों में घुसा बाढ़ पानी, खतरे के निशान से घाघरा नदी 67 व सरयू 12 सेंटीमीटर ऊपर
गोंडा में नदियों के जलस्तर में वृद्धि से तरबगंज और कर्नलगंज तहसील के 12 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है जिससे करीब 10000 आबादी प्रभावित हुई है। आवाग ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गोंडा। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से तरबगंज व कर्नलगंज तहसील के 12 गांवों में एक बार फिर बाढ़ का पानी भर गया है, इससे करीब दस हजार आबादी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आवागमन के लिए 42 नावें लगाई गई हैं। परसपुर के बहुअनमदार माझा में घाघरा नदी का पानी सकरौर-भिखारीपुर तटबंध से टकरा रहा है।
एडीएम आलोक कुमार ने बेलसर के सोनौली मोहम्मदपुर व ऐलीपरसौली में तटबंध का जायजा लिया। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 67 सेंटीमीटर व अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर 12 नौ सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
घाघरा नदी में चार लाख 36 हजार 129 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है, इनमें गिरिजा बैराज से दो लाख 45 हजार 477 क्यूसेक, शारदा बैराज से एक लाख 72 हजार 114 क्यूसेक व सरयू बैराज से 18 हजार क्यूसेक 538 क्यूसेक पानी शामिल है।
बाढ़ के पानी ने चारों तरफ से घेरा
नवाबगंज: सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीणों की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं। दत्तनगर के बाणी माझा व साकीपुर के मजरे चहलावा एवं अहिरन टाड़ी के ग्रामीणों को बाढ़ के पानी ने चारों तरफ से घेर लिया है।
बाढ़ का पानी साकीपुर से अट्ठैसा व चहलावा जाने वाले संपर्क मार्गों पर तेजी से बह रहा है। ग्रामीण घुटने तक पानी में घुसकर आवागमन कर रहे हैं। घर व खेत कटने के बाद चहलावा के कटान पीड़ितों ने साकीपुर-चहलावा मार्ग पर अपना अस्थाई ठिकाना बनाया था, उस पर घुटने तक पानी बहने लगा है।
कटान पीड़ित परिवार मोबाइल की रोशनी में बच्चों सहित अपनी रात गुजारने को विवश हैं। जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा है।
राजस्व निरीक्षक परशुराम मिश्र व लेखपाल ओमप्रकाश वर्मा ने बाढ़ प्रभावित मजरों का भ्रमण कर बाढ़ पीड़ितों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
परसपुर: घाघरा नदी भिखारीपुर-सकरौर तटबंध के स्पर नंबर 11 व 12 के बीच जबरदस्त कटान करती हुई पहुंच गई है। कटान रोकने के लिए पोकलैंड मशीन से बोल्डर, पेड़ की टहनियां व ईंट भरी बोरिया डाली जा रही है।
वहीं, बहुअनमदार माझा में सुकईपुरवा गांव के पास नदी का पानी एल्गिन-चरसड़ी तटबंध से टकरा रहा है। कटान रोकने के लिए यहां लगाया गया पाइक्यूपाइन पानी में डूब गया है।

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