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    बिना जिला स्तरीय समिति की स्वीकृति लिए ढहा दिया पंचायत भवन

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 12 Mar 2022 09:51 PM (IST)

    गोंडा नियमों की अनदेखी करके पंचायत भवन की न सिर्फ जर्जर दिखाकर नीलामी करा दी गई बल्कि

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    बिना जिला स्तरीय समिति की स्वीकृति लिए ढहा दिया पंचायत भवन

    गोंडा : नियमों की अनदेखी करके पंचायत भवन की न सिर्फ जर्जर दिखाकर नीलामी करा दी गई बल्कि, उसे ढहा भी दिया गया। ये खेल विधानसभा चुनाव को लेकर लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद किया गया और अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामले में डीएम से कार्रवाई की मांग की गई है।

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    मामला झंझरी ब्लाक की ग्राम पंचायत सरायजरगर का है। ग्रामीणों के मुताबिक, यहां करीब 30 वर्ष पूर्व गोंडा-अयोध्या मार्ग पर चार कक्ष व एक बरामदे का पंचायत भवन निर्माण कराया गया था। ग्राम पंचायत सदस्य रोहित गुप्ता ने बताया कि ग्राम पंचायत ने बिना किसी बैठक व डुग्गी मुनादी कराए ही पंचायत भवन को जर्जर दिखा दिया। करीब दो लाख रुपये की सामग्री का 59 हजार 667 रुपये मूल्यांकन कराकर नीलामी कर दी गई। रोहित के मुताबिक ग्राम पंचायत ने न तो सदस्यों को अवगत कराया और न ही जिला स्तरीय समिति से भवन ढहाने की अनुमति ली गई। चुनाव के दौरान 16 जनवरी को जेसीबी से पंचायत भवन ढहाकर ईंट एक निजी स्कूल में भेज दी गई। डीएम से मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गई है। प्रभारी एडीओ पंचायत अनूप श्रीवास्तव का कहना है कि निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार जर्जर भवन का मूल्यांकन कराकर नीलामी की गई है। बैठक के एजेंडे की सूचना अधिकारियों को दी गई थी।

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    करोड़ों की जमीन पर है नजर

    - पंचायत भवन जिस जगह बना हुआ था वह अयोध्या-गोंडा मार्ग सटी है। इस जमीन पर दुकान बनाकर चेहते लोगों को बांटने के लिए ये मनमानी की गई है। इसमें सरकारी कर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध है। लेखपाल प्रवीण कुमार का कहना है कि पंचायत भवन ढहाने की सूचना मुझे मिली है। उक्त भूमि किसके नाम है, इसकी जानकारी नही है।

    ---क्या कहते हैं जिम्मेदार

    जर्जर पंचायत भवन ध्वस्तीकरण का फैसला जिला स्तरीय समिति की बैठक में लेने की व्यवस्था है। नई व्यवस्था के तहत डीएम की अध्यक्षता में बनी कमेटी इस पर निर्णय लेती है। सरायजरगर में भवन ढहाने की जानकारी मुझे नही थी, यदि ऐसा हुआ है तो जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    - रोहित भारती, डीपीआरओ गोंडा