इमरजेंसी से गायब सड़क हादसे में घायल हुआ मरीज
गोंडा जिला अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। 26 फरवरी को सड़क हादसे में घाय

गोंडा : जिला अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। 26 फरवरी को सड़क हादसे में घायल एक मरीज को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, लेकिन बुधवार की रात वह वार्ड से गायब हो गया। सुबह तीमारदारों को इसकी जानकारी हुई। इसके बाद अब मामले की जानकारी पुलिस को दी गई है।
छपिया के मिर्जापुर गांव के संतोष कुमार वर्मा 26 फरवरी को सड़क हादसे में घायल हो गए थे। इस पर उन्हें जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया था। उनके सिर में चोट आई थी। स्वजन विजय कुमार वर्मा ने बताया कि सिर में चोट के कारण वह रात में उठ-उठकर भागने लगते थे। बुधवार की रात 12 बजे तक स्वजन जागते रहे। इसके बाद वह सो गए। इसके बाद जब स्वजन सुबह सोकर उठे तो संतोष अपने बेड पर नहीं थे। इसके बाद अस्पताल परिसर में उनकी खोज की गई, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। स्वजन ने कोतवाली पुलिस को मामले की जानकारी दी। इस पर गुमशुदगी दर्ज की गई है।
इधर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीज के न मिलने पर उसके भर्ती प्रपत्र पर पेशेंट नाट फाउंड लिखकर चिकित्सकों ने जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। शुक्रवार को यह मामला तूल पकड़ा। मरीज के गांव से उसके स्वजन जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने हेल्प डेस्क प्रबंधक अनिल कुमार को पूरे प्रकरण से अवगत कराया। इसके बाद प्रमुख अधीक्षक से मुलाकात की। खंगाला जा रहा सीसी कैमरा
- जिला अस्पताल में जगह-जगह लगे सीसी कैमरे को खंगाला जा रहा है। यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर रात में 12 बजे के बाद से मरीज संतोष किधर किस गेट से निकला। फिलहाल, उस वक्त सुरक्षा में तैनात कर्मियों की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। यह हाल तब है जब अस्पताल प्रशासन के चौकीदार के साथ ही पुलिस कर्मी भी तैनात रहते हैं। मामले की हो रही है जांच
- जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. एसके रावत का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। कोतवाली पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी गई है। साथ ही तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।