गोंडा में निविदा की रार में फंसी नहर सिल्ट सफाई, कैसे होगी गेहूं की बुआई?
गोंडा में सिंचाई विभाग की लापरवाही से नहरों की सफाई का कार्य अटका हुआ है। अक्टूबर में पूरा होने वाला सिल्ट सफाई का कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है, जिससे किसानों को गेहूं की बुवाई में परेशानी हो रही है। नहरों में झाड़ियाँ उगी होने से पानी आगे नहीं बढ़ पा रहा है और किसानों को महंगा डीजल खरीदकर सिंचाई करनी पड़ेगी। विभाग का कहना है कि 15 दिसंबर तक नहरों में पानी आ जाएगा।
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जागरण संवाददाता, गोंडा। आग लगने पर कुआं खोदने की परंपरा कायम रखने वाला सिंचाई विभाग में एक बार फिर सुर्खियों में है। सरयू नहर की 21 रजवाहों व 166 अल्पिकाओंं के एक हजार किलोमीटर हिस्से की सिल्ट सफाई के लिए निविदा निकाली गई है।
यह कार्य अक्टूबर मेें ही पूरा कर लिया जाना था लेकिन,लेटलतीफी के चलते यह काफी देेर से निकाली गई, जो अब अभियंताओं व ठेकेदारों की लड़ाई में फंस गई है। ऐसे में इस माह नहरों के सिल्ट व झाड़ियां नहीं साफ हो पाएंगी जबकि नवंबर से ही गेहूं की बोआई शुरू होनी है। जब नहरें ही नहीं साफ रहेंगी तो फिर किसानों को महंगा डीजल खरीदकर सिंचाई करनी पड़ेगी, जो उन्हें काफी महंगा पड़ेगा।
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह लगते ही किसान गेहूं बोआई की तैयारी मेंं जुट गए हैं। इसमें बड़ी समस्या मुफ्त सिंचाई की है, जिसके लिए नहरों में पानी हीं नही है और न ही वे इसके लिए तैयार ही हैं। बारिश के बाद नहरों में झाड़ियां उग आने के कारण इसमें पानी छोड़ा भी गया तो वह आगे नहीं बढ़ पाएगा।
इसे देखते हुए सिंचाई विभाग ने सिल्ट सफाई की निविदा निकाली है,जो आरोपों से घिर गई हैं। सिल्ट सफाई व झाड़ियाें के कटाई का कार्य अब तक हो जाना चाहिए था लेकिन, अब तक न होने से अब किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
मोतीगंज : विद्यानगर बेनीपुर-रजवाहा नहर में घास व झाड़ियां उग आई हैं। ऐसे में पानी छोड़ा गया तो वह आगे बढ़ने के बजाय आसपास के गांवों के लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा।
आर्यनगर : कस्बे के निकट रुपईडीह अल्पिका में बड़ी-बड़ी घासें व झाड़ियां उग आई हैं। ऐसे में पुरैनिया, हर्रैय्या, डुड़वा, मनोहरजोत, कश्मिरवा, पिपरा चौबे के किसानों को सफाई न होने तक मुफ्त सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाएगा। किसान वेद प्रकाश मिश्र ने बताया कि नहर की सफाई कराकर पानी छोड़ेने की मांग अधिशासी अभियंता से की थी लेकिन, कुछ नहीं हुआ।
रामापुर : प्रतापपुर रजवाहा की सफाई आधी अधूरी है। राम यज्ञ व रामकृष्ण ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर अधूरे कार्य की शिकायत की है,लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
बभनजोत: बुक्कनपुर की नहर में कई जगह झाड़ियां हैं। इसी तरह अन्य नहरें भी झाड़ियों से पटी हुई है, जिनमें बिना सफाई के पानी छोड़ा गया तो वह आसपास के ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन जाएगा। ऐसे में किसानों को फिर गेहूं की बोआई के लिए फिर इंजन का सहारा लेकर महंगा डीजल फूंकना पड़ेगा।
नहरों के सिल्ट सफाई की निविदा निकाली गई है,जिसके बाद उसकी सफाई शुरू हो जाएगी। निविदा पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरूप पारदर्शिता से निविदा प्रक्रिया कराई जा रही है,जिससे कुछ लोगों को परेशानी है लेकिन, इससे व्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 15 दिसंबर से किसानों को नहरों में पानी मिलने लगेगा।
मनोज साहू, अधीक्षण अभियंता

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