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    गोंडा में लक्ष्य से भटका बीआरसी का आइसीटी लैब, शिक्षकों-विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा लाभ

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 02:44 PM (IST)

    गोंडा के ब्लॉक संसाधन केंद्रों में स्थापित आईसीटी लैब का उद्देश्य छात्रों को डिजिटल कौशल सिखाना था लेकिन बिजली कटौती और ऑपरेटरों की कमी से संचालन बाधित है। छात्रों और शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने समस्याओं का समाधान करने की बात कही है ताकि लैब का सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके और छात्रों को डिजिटल शिक्षा मिल सके।

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    लक्ष्य से भटका बीआरसी का आइसीटी लैब, शिक्षकों-विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा लाभ।

    जागरण संवाददाता, गोंडा। ब्लाक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) में आइसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) प्रयोगशाला स्थापित किया गया है। उद्देश्य है परिषदीय स्कूलों के छात्रों को कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके आवश्यक डिजिटल कौशल सिखाना है।

    इन प्रयोगशालाओं का उपयोग छात्रों के लिए डिजिटल साक्षरता बढ़ाने, उनके सीखने के जुड़ाव को बेहतर बनाना है। इसके लिए जिले के सभी 17 ब्लाक संसाधन केंद्रों पर सात-सात कंप्यूटर सहित अन्य सहायक उपकरण की आपूर्ति लगभग एक वर्ष पूर्व की गई है।

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    इसके अलावा स्मार्ट टीवी व प्रोजेक्टर भी दिया गया है। बिजली कटौती व जनरेटर न होने की वजह से कंप्यूटर का संचालन प्रभावित रहता है। ऐसे में आइसीटी लैब का लाभ बच्चों और अध्यापकों को नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं कंप्यूटर आपरेटर की तैनाती न होने से भी लैब का संचालन सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है।

    आइसीटी लैब के मुख्य उद्देश्य

    बीआरसी की आइसीटी लैब का उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल कौशल सिखाना, शिक्षकों को प्रशिक्षित करना, परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गतिविधियों पर आनलाइन निगरानी रखना, और शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करके शिक्षण को प्रभावी बनाना है, ताकि शिक्षकों को प्रशिक्षण व अन्य कार्यों के लिए अन्यत्र न जाना पड़े।

    यह प्रयोगशाला छात्रों को तकनीकी उपकरणों का उपयोग करना सिखाकर डिजिटल साक्षरता और भविष्य के कार्यबल के लिए आवश्यक कौशल विकसित करना है। इसके साथ ही छात्रों को कंप्यूटर, इंटरनेट और अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना सिखाकर भविष्य के लिए तैयार करना है।

    शिक्षकों को आइसीटी घटकों का उपयोग करने में सक्षम बनाना और उन्हें आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके टीएलएम (शिक्षण-अधिगम सामग्री) डिजाइन करने में मदद करना है। परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक गतिविधियों और शिक्षकों के प्रदर्शन पर आनलाइन निगरानी करना, जिससे प्रशासनिक नियंत्रण मजबूत हो सके।

    ब्लाक संसाधन केंद्र (बीआरसी) को एक नोडल केंद्र के रूप में स्थापित करना, जिससे शिक्षकों को स्थानीय स्तर पर ही प्रशिक्षण मिल सके और उन्हें कहीं दूर नहीं जाना पड़े।

    मांगी जाएगी रिपोर्ट

    बीआरसी पर आइसीटी लैब के लिए कंप्यूटर की आपूर्ति पूर्व में किया जा चुका है। यदि लैब के संचालन में कोई समस्या आ रही है, तो इसकी रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारियों से मांगी जाएगी। जो भी समस्या होगी उसका निराकरण कराया जाएगा।

    - अतुल कुमार तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी