पूर्व विधायक रमेश गौतम व मसूद आलम बसपा से निष्कासित
रमेश गौतम कई मंडलों के रह चुके हैं जोनल कोऑर्डिनेटर मसूद दो बार लड़ चुके विधान सभा चुनाव
गोंडा : पूर्व विधायक रमेश चंद्र गौतम व मसूद आलम खां को पार्टी में अनुशासनहीनता करने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण बसपा से निकाल दिया गया है। इसकी पुष्टि बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार कनौजिया ने की है।
रमेश चंद्र गौतम डिक्सिर (अब तरबगंज) से वर्ष 2007 में बसपा से विधायक चुने गए थे। इसके बाद वह 2012 व 2017 में मनकापुर विधान सभा सीट से बसपा से चुनाव लड़े। इतना ही नहीं, बहराइच के बलहा विधान सभा सीट पर वर्ष 2019 में हुए उपचुनाव में बसपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। रमेश गौतम ने बताया कि वह वर्ष 1989 से बसपा कार्यकर्ता हैं। 12 साल वह बसपा के जिलाध्यक्ष रहे। इसके अलावा कई मंडलों के जोनल कोऑर्डिनेटर का दायित्व बसपा में उन्हें मिला था। रमेश गौतम ने बताया कि बसपा से निष्कासित किया जाना राजनीतिक षड्यंत्र है। वह बसपा के वफादार थे और यदि बहनजी ने चाहा तो रहेंगे भी। बहनजी ने जो आदेश दिया है उसका पालन होगा।
वहीं मसूद आलम वर्ष 2012 व 2017 में कटरा विधान सभा से बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। इतना ही नहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में वह बसपा से गोंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन, बाद में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। हाल में ही मसूद ने किसानों के पक्ष में उपवास किया था। मसूद आलम का कहना है कि उन्होंने जनता व किसान की बात की थी। उसी की सजा उन्हें मिली है। बसपा जिलाध्यक्ष मनोज कुमार कनौजिया ने बताया कि इन दोनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर कई बार चेतावनी दी गई थी लेकिन, इनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया था। इसीलिए पार्टी हाईकमान ने दोनों को बसपा से निष्कासित कर दिया है।