रिग बांध पर भी मंडराया खतरा, 34 मजरे बाढ़ की चपेट में
एल्गिन चरसडी बांध पर शरण लिए ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ती जा रही है
गोंडा : भिखारीपुर-सकरौर तटबंध के कट टू पर कटान शुरू हो जाने से गांव को बाढ़ की तबाही से बचाने के लिए बनाए गए रिग बांध के वजूद पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। उधर ऐली परसौली के 34 मजरे बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं और लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है।
बढ़ते जलस्तर के बीच बिशुनपुरवा के पास बनाए गए रिग बांध पर दबाव बढ़ता जा रहा है। वहीं कटे हुए बांध के दोनों मुहाने पर कटान रोकने के प्रयास रविवार को धराशाई हो गए। मसीना लगने से कट टू पर जोरदार कटान शुरू हो गई। जिससे विभागीय अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे। दो-दो मशीनें कटान रोकने के प्रयास में जुट गईं लेकिन कटान प्वाइंट पर डाले जा रहे पत्थर नदी में समाते जा रहे थे। फिलहाल विभागीय अधिकारी रिग बांध के सुरक्षित होने का दावा कर रहे हैं। दूसरी तरफ ऐलीपरसौली के 34 मजरे पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित हैं। 70 लोगों का घर नदी में समा चुका है। लगभग 110 परिवार अब तक विस्थापन का दंश झेल चुके हैं। विद्युत सप्लाई बंद होने से अंधेरे में रहने को विवश हैं। प्रशासन की तरफ से पीड़ित परिवारों को पॉलिथिन, 18 लोगों को राहत किट के साथ 20 परिवारों को मोमबत्ती व माचिस का वितरण किया गया है। एसडीएम तरबगंज राजेश कुमार ने बताया कि उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया है। विस्थापित परिवारों को सहायता प्रदान की जाएगी।
भंभुआ : घाघरा नदी का जलस्तर रविवार को स्थिर रहा। एल्गिन ब्रिज पर ली गई माप के अनुसार नदी खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर है। जबकि गिरजा, शारदा व सरयू बैराज से 344168 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा था। एल्गिन चरसडी बांध पर शरण लिए ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। भोजन, पानी, ईंधन के साथ पशुओं के चारे के संकट गहरा गया है। एसडीएम ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि पीड़ितों को राशन किट दिया जायेगा।