गोंडा में जमानत प्रार्थना पत्र सीजेएम ने किया निरस्त, पूर्व चेयरमैन को भेजा जेल
गोंडा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन निर्मल श्रीवास्तव को 2007 के एक मामले में अदालत ने जेल भेज दिया। उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। यह मामला 2007 में बिजली व्यवस्था के विरोध में हुए प्रदर्शन से जुड़ा है, जिसमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था। अदालत ने पहले उन्हें भगोड़ा घोषित किया था। अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।

जागरण संवाददाता, गोंडा। नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन निर्मल श्रीवास्तव को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमित सिंह ने जेल भेज दिया। सोमवार को पूर्व चेयरमैन ने न्यायालय पर आत्मसमर्पण कर जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया था जिसके बाद न्यायालय ने जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया।
करीब 21 वर्ष पूर्व सात सितंबर 2007 को बिजली व्यवस्था के विरोध में शहर के अलग- अलग हिस्सों में स्थानीय लोग जाम लगाए हुए थे। पुलिस व प्रशासन लोगों को समझाने पर जुटा था। इसी बीच इनकैन चौराहा (अब गुरुनानक चौराहा) पर सैकड़ों लोग सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सरकारी संपत्तियों पर टूट पड़े जिसमे तत्कालीन राज्यमंत्री के शोरूम, रोडवेज बसों व अन्य सरकारी वाहनों में भीड़ तोड़फोड़ कर आगजनी करने लगी।
पुलिस ने बल का प्रयोग कर भीड़ को तितर बितर करने का प्रयास किया था लेकिन, स्थिति बिगड़ने पर पीएसी बुलानी पड़ी थी। कोतवाली नगर में पुलिस ने पूर्व चेयरमैन समेत 17 आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।
बीते दिनों कई पेशियों से गैर हाजिर चल रहे पूर्व चेयरमैन के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी हुआ था। सुनवाई के लिए न्यायालय पर लगातार अनुपस्थिति के कारण बीते दिनों न्यायालय ने पूर्व चेयरमैन को भगोड़ा घोषित कर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 व 83 में संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया था। मामले की अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी

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