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    इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए अलग बनेगा फीडर, बिजली कटौती से मिलेगा छुटकारा

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 02:16 PM (IST)

    गोंडा के मां पाटेश्वरी देवी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को बिजली कटौती से जल्द निजात मिलेगी। कॉलेज के लिए अलग फीडर का प्रस्ताव है। छात्रों के लिए 500 बेड के छात्रावास बनेंगे जिनका नाम सरयू और बलिदानी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के नाम पर होगा। कॉलेज प्रबंधन ने खेल मैदान व ऑडिटोरियम के लिए 12 एकड़ जमीन की मांग की है।

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    इंजीनियरिंग कालेज का अलग बनेगा फीडर। जागरण फोटो

    संवाद सूत्र, गोंडा। मां पाटेश्वरी देवी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं जल्द ही बिजली कटौती की समस्या से निजात पाएंगे। कॉलेज के लिए बिजली आपूर्ति के लिए अलग फीडर बनाया जाएगा, इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। गत दिवस अघोषित बिजली कटौती से नाराज कॉलेज के विद्यार्थियों ने परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था।

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    वहीं, इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 500 बेड का छात्रावास भी परिसर में अलग-अलग बनाया जाएगा। इनका नाम अस्था से जोड़कर सरयू व बलिदानी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी रखा जाएगा।

    इसके साथ ही आस्था व बलिदानियों से जाेड़कर खेल मैदान व ऑडिटोरियम, उद्यान का नाम भी रखा जाएगा। इन सबके लिए 12 एकड़ भूमि की डिमांड कालेज प्रबंधतंत्र की ओर से की गई है।

    डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के सहयुक्त राजकीय इंजीनियरिंग गोंडा का संचालन वर्ष 2023 से प्रारंभ हुआ था। कालेज भवन निर्माणाधीन होने के कारण प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले छात्रा-छात्राओं की पढ़ाई अंबेडकरनगर में प्रारंभ कराई गई।

    दो वर्ष तक विद्यार्थी अंबेडकरनगर में ही पढ़ते रहे। करीब दो माह पूर्व भवन निर्माण पूरा होने के बाद विद्यार्थियों को गोंडा स्थानांतरित किया गया। एक सप्ताह पूर्व छात्राओं को छात्रावास का आवंटन किया गया। परिसर में अभी 15-15 कमरे के दो छात्रावास बने हुए हैं।

    वर्तमान में कालेज का बिजली कनेक्शन भी अलग नहीं ह, इससे अघोषित बिजली कटौती होती रहती है। स्थाई जनरेटर व्यवस्था भी अभी नहीं है। इससे रात में बत्ती गुल होने पर अंधेरा रहता है। साथ पढ़ाई भी बाधित होती है।

    दिया गया प्रस्ताव

    बिजली कटौती होने से विभिन्न समस्याओं का समाना विद्यार्थियों को करना पड़ रहा है। कॉलेज के लिए अलग से नया फीडर बनाने का प्रस्ताव किया जा रहा है। साथ ही विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से छात्रावास नहीं हैं। लगभग 500 छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है।खेल मैदान व ऑडिटोरियम के निर्माण भी प्रस्तावित है। भूमि आवंटन की कार्यवाही जिला प्रशासन स्तर से हो रही है। प्राध्यापकों की कमी पूरी करने के लिए भी विश्वविद्यालय के परिषद को पत्र लिखा गया है। -डॉ. भारतेंदु नाथ मिश्र, निदेशक मां पाटेश्वरी देवी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज।