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    गोंडा में अस्पताल में ऑपरेशन और जांच की मशीनें खराब, दूसरे शहरों में इलाज कराने को मजबूर मरीज

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 02:35 PM (IST)

    गोंडा के बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय में सीटी स्कैन और सी-आर्म मशीनें खराब होने से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के बावजूद जांच और ऑपरेशन जैसी सेवाएं बाधित हैं जिससे स्वास्थ्य सेवाएं ओपीडी तक सीमित हो गई हैं। मरीजों को निजी पैथोलॉजी पर महंगा खर्च करना पड़ रहा है और ऑपरेशन के लिए लखनऊ तक जाना पड़ रहा है।

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    ऑपरेशन से लेकर जांच की मशीनें खराब होने से मरीज परेशान।

    संवाद सूत्र, गोंडा। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय में सीटी स्कैन, सी आर्म मशीन खराब हो गई है। अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती है। ऐसे में जांच से लेकर ऑपरेशन तक की सेवाएं बाधित हैं। चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवा ओपीडी तक सिमट कर रह गई है। मरीजों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

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    ऑपरेशन के लिए लखनऊ तक की दौड़ लगानी पड़ रही है। जांच के लिए प्राइवेट पैथोलॉजी पर दो हजार रुपये से लेकर 2500 तक खर्च करना पड़ रहा है।

    कर्नलगंज के रहने वाले सुधाकर का पैर टूट गया है। उनका आपरेशन होना है लेकिन, मेडिकल कॉलेज की सी आर्म मशीन खराब होने से उन्हें तारीख दी गई है। परसपुर के रहने वाले विनोद के बेटे शौर्य के पेट में कई दिनों से दर्द हो रहा है।

    चिकित्सक ने पथरी होने की आशंका को देखकर अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी लेकिन, रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका। विनोद ने बताया कि उन्हें एक हजार रुपये खर्च कर बाहर से जांच कराना पड़ा।

    छिरास की रहने वाली रेखा देवी शनिवार की रात में सड़क दुर्घटना में घायल हो गई। सिर में गंभीर चोट लग गई। चिकित्सक ने सीटी स्कैन कराने की सलाह दी लेकिन मशीन खराब होने के कारण उन्हें बाहर से 2500 रुपये खर्च कर सीटी स्कैन कराना पड़ा।

    ऐसे में प्रतिदिन 50 से अधिक रोगियों को मशीन खराब होने से क्षेत्रीय निदान केंद्र से लौटा दिया जाता है। 80 से 100 किलोमीटर की दूरी तय कर बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय आने वाले मरीजों को निराश लौटना पड़ रहा है। जिम्मेदार पत्राचार से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं जिसका खामियाजा रोगियों को भुगतना पड़ रहा है।

    सी आर्म व सीटी स्कैन मशीन को ठीक कराने के लिए पत्राचार किया गया है। इंजीनियर ने आकर जांच कर ली है। जल्द ही मशीन ठीक हो जाएगी। रेडियोलाजिस्ट की तैनाती के लिए प्रयास किया जा रहा है। शासन को भी स्थिति से अवगत कराया गया है।

    -डॉ. धनंजय श्रीकांत कोटास्थाने, प्रधानाचार्य स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय।