UP Politics: 'बड़े पद पर हैं तो झुकना...', 31 महीने बाद CM योगी से मिलकर बृजभूषण सिंह ने दिया ये रिक्शन
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने 31 महीने बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे बड़े पद पर हैं इसलिए उन्हें झुकना पड़ा। सिंह ने बताया कि 55 मिनट की मुलाकात में राजनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई बल्कि गिले-शिकवे दूर हुए। बेटे प्रतीक भूषण सिंह को मंत्री बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री और पार्टी का निर्णय है

जागरण संवाददाता, गोंडा। वो मुख्यमंत्री हैं और मैं खाली मंत्री। वो बड़े पद पर हैं तो झुकना पड़ेगा ही, मैं तो चौराहे पर खड़ा हूं। कबिरा खड़ा बाजार में मांगे सबकी खैर, न काहू से दोस्ती न काहू से बैर। ये प्रतिक्रिया मंगलवार को नंदिनीनगर में सीएम योगी आदित्यनाथ से 31 माह बाद हुई मुलाकात के सवाल पर पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दी।
उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर 2022 को मैं सीएम से मिला था। नंदिनीनगर में उनका कार्यक्रम मांगा था। छह जनवरी को एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी नहीं आ पाएंगे। ये सुनकर मुझे अच्छा नहीं लगा। तैयारी के बाद कार्यक्रम निरस्त होने पर राजनीति में अच्छा संदेश नहीं जाता है।
मैंने, तभी तय कर लिया था कि जबतक सीएम मुझे नहीं बुलाएंगे, तबतक मैं मिलने नहीं जाऊंगा। जब भी मेरे बेटे उनके पास जाते थे, वह मेरा हालचाल पूछते थे। उनका संदेश मिला था तो मैं मिलने गया, इसपर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
पूर्व सांसद ने कहा कि मेरा समय खराब हो गया। दिल्ली में पहलवानों का प्रदर्शन शुरू हुआ। संकट की घड़ी में मैंने देश के किसी भी व्यक्ति से मदद नहीं मांगी। जिसने मदद की उसकी व जिसने नहीं की, उसकी भी वाह-वाह। मैंने तय कर लिया था कि ये मेरी निजी लड़ाई है। इस आग की दरिया को मुझे ही पार करना है।
मैंने कभी बात करने की कोशिश नहीं की। मुझको इंतजार था कि जब वो बुलाएंगे तब जाएंगे। 55 मिनट की मुलाकात में राजनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई। जब दो परिवार मिलते हैं तो समय कम पड़ जाता है। एक-दूसरे के गिले-शिकवे दूर हुए। मुलाकात दोनों को अच्छी लगी।
'प्रतीक मेहनत करें, मंत्री बन जाएंगे'
बेटे प्रतीक भूषण सिंह के मंत्री बनाने के सवाल पर पूर्व सांसद ने कहा कि ये मुख्यमंत्री व पार्टी का निर्णय होता है। जिनको जनता देखना नहीं चाहती वो मंत्री बने हैं। निर्दल चुनाव लड़ा दीजिए तो पांच हजार वोट नहीं मिलेगा लेकिन, उनका भाग्य साथ दे रहा है। प्रतीक मेहनत करें, मंत्री बन जाएंगे। अभी वह गंभीर नहीं हैं, जितना उन्हें होना चाहिए।
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