Ayushman Card: क्या आपका भी नाम है लिस्ट में? क्यों नहीं बना अब तक आपका आयुष्मान कार्ड; जानें वजह
गोंडा जिले में आयुष्मान जन आरोग्य योजना धीमी गति से चल रही है। लगभग 4 लाख से अधिक लोग कार्ड से वंचित हैं जबकि लक्ष्य 12 लाख से अधिक का है। योजना में चयनित होने के बाद भी लाभार्थियों को इलाज के लिए पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण कई लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड नहीं मिल पाया है।

जागरण संवाददाता, गोंडा। प्रधानमंत्री आयुष्मान जन आरोग्य योजना पर अफसरों की बेरुखी भारी पड़ रही है। जिले में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से योजना हांफ रही है। प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये के उपचार की सुविधा निश्शुल्क होने के बावजूद चार लाख से अधिक लोगों का कार्ड ही नहीं बन सका है, जबकि लक्ष्य 12 लाख दो हजार 154 लोगों का था।
योजना में चयनित होने के बाद भी लाभार्थियों को रुपये खर्च करके दवा, जांच व आपरेशन कराना पड़ रहा है। जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही कारण है कि शतप्रतिशत लाभार्थियों का कार्ड नहीं बनाया जा सका है।
ये है योजना
योजना 2011 की जनगणना के अनुसार जातीय, सामाजिक और आर्थिक कमजोरी के आधार पर जरूरतमंद लोगों के लाभार्थी कार्ड बनाने से शुरू हुई थी। इसके बाद बीपीएल यानी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को शामिल किया गया। फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान शुरू किया गया।
इसमें कार्ड बनने से छूटे लोगों को शामिल किया गया। सितंबर 2021 में अंत्योदय कार्ड धारकों को भी शामिल करने का शासनादेश हुआ। अब बुजुर्गों का भी कार्ड बनना है।
सभी सदस्य का बनता है कार्ड
आयुष्मान कार्ड लाभार्थी के परिवार में सभी सदस्यों का बनता है। प्रत्येक वर्ष पांच लाख रुपये तक का उपचार कराया जा सकता है। कार्ड की सालाना अवधि पूरी होने पर दूसरे साल के लिए नवीनीकरण आयुष्मान योजना के केंद्रीय साफ्टवेयर से ही हो जाता है जिसमें कोई शुल्क नहीं लगता। ऐसे में जिले में दो लाख 28 हजार 857 परिवार योजना में शामिल किए गए हैं।
यहां बनता है कार्ड
मेडिकल कॉलेज के साथ ही जिला महिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा है। बावजूद इसके लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है। कई बार रुपये लेने की भी शिकायत मिलती है। आयुष्मान कार्ड बनाने वाले आपरेटर्स का कहना है कि कई लाभार्थी परदेश में है। गांव में मिल नहीं रहे हैं। इसी तरह कुछ लाभार्थियों की मौत हो चुकी है। उनका कार्ड भी लंबित दिख रहा है। जो लोग घर से बाहर हैं उनतक संदेश भेजा रहा है।
विवरण | संख्या |
---|---|
कुल लाभार्थी परिवार | 2,82,857 |
कुल लाभार्थी | 12,02,154 |
कार्ड बने लाभार्थी | 7,88,810 |
कम से कम एक सदस्य का कार्ड बने परिवार | 2,59,105 |
आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। कोशिश है कि सभी को लाभ मिले। प्रचार प्रसार में भी कोई कमी नहीं है। कार्ड पर ही हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं। यदि किसी के रुपये मांगा जाता है तो शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जल्द ही विशेष अभियान चलाया जाएगा।
- डॉ. संदीप तिवारी, जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रधानमंत्री आयुष्मान जन आरोग्य योजना
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