यूपी के इस जिले के डीएम की अपील- जिन लोगों के पास है शस्त्र लाइसेंस, उन्हें करना होगा जरूर यह काम
मुख्यमंत्री गोवंश सहभागिता योजना के तहत गो-आश्रय केंद्र में संरक्षित गाय पालने पर हरमाह 900 रुपये मिलते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन माह पूर्व ये धनराशि बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी थी। अक्टूबर से बेसहारा पशुओं को पालने वाले पशुपालकों को बढ़ी धनराशि देने की व्यवस्था बनाई गई है।एक पशुपालक अधिकतम चार पशुओं को सुपुर्दगी में ले सकते हैं।

जागरण संवाददाता, गोंडा : अब जानमाल की सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस लेने वाले आग्नेयास्त्र धारी भी गो-सेवा करेंगे। ऐसा करने से न सिर्फ दुग्ध व जैविक खाद का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि, वह घर बैठे कमाई भी कर सकेंगे। डीएम गोंडा नेहा शर्मा ने गो-आश्रय केंद्रों में संरक्षित बेसहारा पशुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए ये फैसला किया गया है।
एसडीएम व थानेदार शस्त्र लाइसेंस धारकों को योजना की जानकारी देने के साथ ही मुख्यमंत्री गोवंश सहभागिता योजना के तहत गो-आश्रय केंद्र में संरक्षित गाय को पालने की अपील कर रहे हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. ठाकुरजी पांडेय ने संबंधित अधिकारियों को 12042 शस्त्र लाइसेंस धारकों की सूची भेजी गई है।
बेसहारा पशु के पालने पर मिलेंगे हरमाह 1500
मुख्यमंत्री गोवंश सहभागिता योजना के तहत गो-आश्रय केंद्र में संरक्षित गाय पालने पर हरमाह 900 रुपये मिलते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन माह पूर्व ये धनराशि बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी थी। अक्टूबर से बेसहारा पशुओं को पालने वाले पशुपालकों को बढ़ी धनराशि देने की व्यवस्था बनाई गई है। एक पशुपालक अधिकतम चार पशुओं को सुपुर्दगी में ले सकते हैं।
गो-आश्रय केंद्र में 27 हजार से अधिक बेसहारा पशु
पशुपालन विभाग के अनुसार जिले में 140 गो-आश्रय केंद्र, कान्हा गोशाला व कांजीहाऊस संचालित हैं, इनमें 27 हजार से अधिक पशुओं को संरक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को पकड़कर गो-आश्रय केंद्र में भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री गोवंश सहभागिता योजना के तहत गो-आश्रय केंद्र में संरक्षित गाय पालने पर प्रत्येक माह 1500 रुपये देने की व्यवस्था है। इच्छुक परिवारों के साथ ही जिले के शस्त्र लाइसेंस धारकों को भी एक-एक बेसहारा पशु सुपुर्दगी में देने के निर्देश मिले हैं। शस्त्र लाइसेंस धारकों को योजना की जानकारी देने के साथ ही ऐच्छिक रूप से निकटतम गो-आश्रय केंद्र से बेसहारा पशु सुपुर्दगी में लेने के लिए अपील की गई है।
डा. ठाकुरजी पांडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी गोंडा

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