अपात्रों को आवास दिलाने के मामले में सख्त कार्रवाई, तत्कालीन प्रधान, सचिव और लेखाकार से 15.75 लाख की वसूली के आदेश
गोंडा में अपात्रों को आवास दिलाने के मामले में सख्त कार्रवाई हुई है। तत्कालीन प्रधान, सचिव और लेखाकार से 15.75 लाख रुपये की वसूली के आदेश जारी किए गए ...और पढ़ें

तत्कालीन प्रधान, सचिव व लेखाकार के खिलाफ 15.75 लाख रुपये की वसूली का आदेश।
संवाद सूत्र, गोंडा। नियमों की अनदेखी करके अपात्रों को आवास योजना का लाभ दिलाने वाले तत्कालीन प्रधान, सचिव व लेखाकार से 15.75 लाख रुपये की वसूली का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही संबंधित के खिलाफ विधिक कार्रवाई भी की जाएगी। मुख्य राजस्व अधिकारी ने रिपोर्ट संयुक्त सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी है।
विकासखंड इटियाथोक की ग्राम पंचायत गूंगीदेई निवासी अजय कुमार सिंह ने आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हाेंने वर्ष 2000 से 2012 के मध्य अपात्रों को आवास दिलाने के मामले में कार्रवाई की मांग की थी।
संयुक्त सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। डीएम ने मामले की जांच परियोजना निदेशक डीआरडीए को सौंपी थी। परियोजना निदेशक के मुताबिक मामले की जांच पूर्व में सहायक निदेशक रेशम द्वारा की जा चुकी है।
जांच में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2008-09 में ग्राम पंचायत गूंगीदेई में 51 लोगों को आवास दिया गया है। आवास का लाभ पाने वाले 45 लाभार्थी ऐसे हैं जिन्हें इससे पूर्व भी योजना का लाभ मिल चुका है। यही नहीं, आवास आवंटन के लिए निर्धारित मानक बीपीएल सूची में भी इनका नाम शामिल नहीं था।
तत्कालीन सचिव रामरूप तिवारी (अब सेवानिवृत्त), तत्कालीन प्रधान मुक्की, ब्लाक में तैनात पटल सहायक अजय कुमार अवस्थी (अब बहराइच में वन विभाग में तैनात) ने आपस में मिलीभगत करके अनियमित आवास का आवंटन करा दिया। जिससे शासकीय धन का दुरुपयोग हुआ।
इंदिरा आवास योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी के खाते में 35-35 हजार रुपये भेजे गए थे। ऐसे में 45 अपात्रों को आवास आवंटन करने में 15 लाख 75 हजार रुपये का दुरुपयोग किया गया।
परियोजना निदेशक डीआरडीए ने तत्कालीन प्रधान, सचिव व लेखाकार से वसूली के साथ ही विधिक कार्रवाई के लिए बीडीओ इटियाथोक को पत्र भेजा है। मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश ने प्रकरण की रिपोर्ट पर संयुक्त सचिव मुख्यमंत्री को भेजी है।

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