ABHA Card in UP: गोंडा में 25 लाख लोगों का नहीं बना आभा कार्ड, 43 लाख बनाने का है लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास के बाद भी आभा कार्ड बनाने को गति नहीं मिल रही है। जिले के 25 लाख लोगों का कार्ड नहीं बनाया जा सका है। 43 लाख लोगों का क ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, गोंडा। स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास के बाद भी आभा कार्ड बनाने को गति नहीं मिल रही है। जिले के 25 लाख लोगों का कार्ड नहीं बनाया जा सका है। 43 लाख लोगों का कार्ड बनाने का लक्ष्य है। मासिक समीक्षा के बाद भी जिम्मेदार रूचि नहीं ले रहे हैं। एएनएम के साथ ही आशा व आशा संगिनी को प्रतिदिन ई कवच पोर्टल बनाने के लिए कार्ड बनाने का निर्देश दिया गया है।
14 अंकों का यूनिक नंबर है आभा हेल्थ आईडी कार्ड
आभा नंबर डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा बनने के लिए ऐसा कदम है, जो आपके स्वास्थ्य रिकार्ड को पेपरलेस बनाता है। आभा हेल्थ आईडी कार्ड एक 14 अंकों का यूनिक नंबर है, जिसके साथ आप अपने सभी स्वास्थ्य रिकार्ड को डिजिटल रूप से लिंक कर सकते हैं। 30 सेकेंड से भी कम समय में आधार नंबर या मोबाइल नंबर का उपयोग करके अपना आभा हेल्थ आईडी कार्ड बना सकते हैं।
आभा हेल्थ आईडी कार्ड के लाभ
देश में सत्यापित डॉक्टरों, अस्पताल एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को आभा हेल्थ आईडी कार्ड देकर उनसे सभी मेडिकल रिकार्ड जैसे लैब रिपोर्ट, प्रिस्क्रिप्शन, अस्पताल के भर्ती एवं डिस्चार्ज के विवरण, एमआरआई रिपोर्ट आदि साझा करें। अब आपको डाक्टर से मिलने के लिए रिपोर्ट साथ ले जाने की या अस्पताल का भर्ती फार्म भरने के लिए लंबी लाइनों मे खड़े होने की कोई ज़रूरत नहीं। बस, अपना आभा हेल्थ आईडी कार्ड नंबर बताएं।
आभा या नेशनल हेल्थ आईडी कार्ड क्या है?
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) या हेल्थ आईडी, भारतीय नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत भारत सरकार की एक पहल है, जो उनकी सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को एक ही जगह पर एकत्रित करती है। आभा एड्रेस के साथ, हेल्थ आईडी कार्ड या आभा नंबर बनाने से सभी को डाक्टरों और अन्य हेल्थ सर्विस प्रोवाइडरों से डिजिटल रूप से सभी प्रकार के मेडिकल रिपोर्ट और प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षकों को आभा कार्ड बनवाने का लक्ष्य सौंपा गया है। ई-कवच के माध्यम से कार्ड बनाना है। शिथिलता बरतने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।- डॉ. संतलाल पटेल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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