चुनाव आया तो आई हिस्ट्रीशीटरों की याद
गोंडा : 850 हिस्ट्रीशीटरों की खोज पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। हिस्ट्रीशीटर कहां और क्या
गोंडा : 850 हिस्ट्रीशीटरों की खोज पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। हिस्ट्रीशीटर कहां और क्या कर रहे हैं, इसकी खोजबीन के लिए पुलिस कर्मी गांव-गांव की खाक छान रहे हैं। सूत्रों की मानें तो चुनाव के दौरान ही हिस्ट्रीशीटरों की याद आती है इसके बाद वह कहां और क्या कर रहे हैं इसकी जानकारी करना मुनासिब नहीं समझा जाता है।
जिले में करीब 830 हिस्ट्रीशीटर हैं। इन हिस्ट्रीशीटरों का थाने पर नाम, पते व मोबाइल नंबर दर्ज हैं लेकिन इन नंबरों में अधिकांश नंबर बंद हो चुके हैं। गांव वार हिस्ट्रीशीटरों की सूची थानेदारों व प्रभारी निरीक्षकों के पास रहती है। बीटवार सिपाहियों को हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी करनी होती है। उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन थानेदारों व प्रभारी निरीक्षकों को देनी होती है। चुनाव के दौरान काम अधिक होने के कारण हिस्ट्रीशीटर कहां है। उसकी निगरानी करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में हिस्ट्रीशीटरों के चुनाव में दखलदांजी किए जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है। एक पुलिस अफसर की मानें तो हिस्ट्रीशीटरों प्रतिदिन रिपोर्ट अफसरों को दी जाती है। उनकी निगरानी भी कराई जाती है। चुनाव के दौरान ऐसे हिस्ट्रीशीटरों का पता लगाना मुश्किल होता है जो दूसरे प्रदेशों में कामकाज के लिए चले जाते हैं। जिनकी सूचनाएं एकत्रित करने में पुलिस कर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। थानावार हिस्ट्रीशीटरों की खोज की जा रही है। जिससे चुनाव के दौरान कोई दिक्कतें न पैदा हो सके। एसपी सुधीर कुमार ¨सह ने बताया कि हिस्ट्रीशीटरों की रोजाना सूचनाएं अपडेट की जाती है। चुनाव के देखते हुए पुलिस कर्मियों को सतर्क कर दिया गया है। उनकी कार्यशैली पर पूरी तरह से नजर रखी जा रही है।
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