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    ट्रेन के शौचालय का अंदर से बंद था दरवाजा, RPF को हुआ शक; स्टाफ ने गेट खोला तो उड़े होश

    गाजीपुर के औड़िहार स्टेशन पर चौरीचौरा एक्सप्रेस में मजदूर बब्लू कोल (22) का शव फांसी पर लटका मिला। आरपीएफ की चेकिंग के दौरान शौचालय का दरवाजा खोलने पर घटना का पता चला। बब्लू परिवार का मुख्य सहारा था और गरीबी से जूझ रहा था। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। दूसरी ओर कामायनी एक्सप्रेस में ब्रेक जाम से धुआं निकलने पर 20 मिनट ट्रेन रुकी।

    By Devendra Jaiswal Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 31 Dec 2024 11:41 AM (IST)
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    चलती ट्रेन में फंदे से लटका मजदूर - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    संवाद सूत्र, सैदपुर (गाजीपुर)। चलती ट्रेन में मजदूर के फांसी लगाकर आत्महत्या की खबर मिलते ही खलबली मच गई। ट्रेन औड़िहार पहुंचने पर जीआरपी शव को कब्जे में लेकर सीएचसी आई और माैत की पुष्टि कराने के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय स्थित मर्चरी हाउस भेज दिया।

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    मिर्जापुर के हलिया थाना क्षेत्र के पोखरौर गांव से आदि समाज के आठ मजदूर कुशीनगर के पहनिवा में इंडियन आयल के पेट्रोल पंप पर डीजल टैंक बनाने गए थे जिनमें से एक बब्लू कोल (22) पुत्र सरजू भी था। बब्लू बीते चार दिसंबर को काम पर गया था। काम खत्म होने के बाद सभी चौरीचौरा एक्सप्रेस से वापस आ रहे थे।

    रास्ते में सभी के सोने के बाद बबलू शौचालय में गया। शौचालय में लगी खिड़की में अपने बेल्ट का फंदा बनाकर लटककर आत्महत्या कर लिया। ट्रेन में तैनात आरपीएफ सिपाहियों ने रूटिन चेकिंग के तौर पर शौचालय का दरवाजा खोलवाया तो दरवाजा नहीं खुलने पर कई बार खटखटाया, लेकिन नहीं खुला।

    फंदे से लटक रहा था बबलू का शव 

    तकनीकी स्टाफ को सूचना देकर बुलाया और दरवाजा खोलवाया तो देखा बबलू का शव फंदे से लटक रहा था। मेमा के जरिए औड़िहार जंक्शन पर सूचना दिया। ट्रेन औड़िहार पहुंचने पर शव को निकालकर बाहर लाया गया। मृतक तीन भाईयों में सबसे बड़ा था और परिवार की जिम्मेदारी उसी के ऊपर थी।

    अपने पीछे तीन संतान छोड़ गया है। आरपीएफ प्रभारी राजकपूर सिंह ने बताया कि मेमो के जरिए सूचना मिलने पर शव को बाहर निकाला गया और पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। जानकारी दी कि मृतक मजदूर था।

    गरीबी से तंग था

    मृतक के चाचा बबलेश ने बताया कि मृतक का परिवार मूफलीसी में जीवन बसर कर रहा है। परिवार चलाने के लिए वह मजदूरी का काम करता था। उसने फांसी क्यो लगाई, लेकिन इसका पता नहीं चल सका।

    कामायनी एक्सप्रेस के कोच से निकला धुआं, 20 मिनट रुकी रही ट्रेन

    वहीं दूसरी ओर, वाराणसी-बलिया रेल मार्ग पर करीमुद्दीनपुर स्टेशन से गुजरते समय 11072 अप कामायनी एक्सप्रेस के पहिए में धुआं निकलता देख स्टेशन अधीक्षक अनिल राय और कर्मचारियों ने पीछे से लाल झंडा दिखाकर ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक ट्रेन निकल गई।

    इसके बाद स्टेशन अधीक्षक ने चालक को वाकी टाकी के माध्यम से सूचित कर ट्रेन को उत्तमपुर के पास रुकवाया। जांच में पता चला कि धुआं पहिया से निकल रहा था। चालक और गार्ड ने अग्निशामक यंत्र से धुआं को बुझाया। ब्रेक जाम होने की वजह धुंआ निकल रहा था।

    इस दौरान करीब 20 मिनट तक ट्रेन को रोका गया। ट्रेन के रुकते ही यात्रियों में नीचे उतने की होड़ मच गई। स्टेशन अधीक्षक अनिल राय ने बताया कि धुंआ निकलता देख तुरंत गार्ड व चालक को सूचित किया गया। पहिया को ठीक करने के बाद ट्रेन गंतव्य को रवाना हुई।