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    एक तो वजन में कमी और विरोध करने पर नाम कटवाने की धमकी, कोटेदार की मनमानी की खुली पोल

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 09:55 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में एक कोटेदार की मनमानी सामने आई है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें कम राशन दिया जा रहा है और विरोध करने पर राशन कार्ड से नाम कटवाने की धमकी दी जा रही है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मामले की जांच और कोटेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कोटेदार के खिलाफ वजन में कमी की भी शिकायतें दर्ज की गई हैं।

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    कोटेदारों की मनमानी से परेशान हो रहे कार्डधारक।

    जागरण संवाददाता, बहादुरगंज (गाजीपुर)। शासन के सख्त निर्देशों और इलेक्ट्रिक कांटे जैसी पारदर्शी व्यवस्था के बावजूद सस्ते गल्ले की दुकानों पर कोटेदारों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। सरकार घटतौली रोकने के लिए डाल-डाल चल रही है तो कोटेदार पात-पात चल रहे है। क्षेत्र के कोटेदार दिनेश गुप्ता सहित अन्य पर आरोप है कि वे शासन द्वारा आवंटित कंप्यूटराइज्ड कांटे का उपयोग केवल अंगूठा लगवाने के लिए करते है और फिंगर लगवाने के बाद राशन अगले दिन देने की परंपरा बना चुके हैं।

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    अंगूठा लगवाते समय ई-पास मशीन राशन का पूरा वजन ले ले और प्रक्रिया पूरी हो जाए इसके लिए अलग-अलग यूनिट के हिसाब से अलग-अलग वजन के बोरे पहले से तैयार रखे गए है। कार्ड धारकों की शिकायत है कि कोटेदार वजन भी घटाकर करते हैं, और अगर कोई सवाल करता है तो राशन कार्ड कटवाने की धमकी दी जाती है।

    प्लास्टिक बाल्टी से वजन

    कार्ड धारक राजवती देवी का आरोप है कि कोटेदार अपने निजी कांटे से राशन तौलते हैं और प्लास्टिक की बाल्टी में तौल कर अनाज में हेराफेरी करते हैं ताकि बाल्टी के वजन के बराबर राशन बचाया जा सके। फिंगर लगाने के बाद कार्ड धारकों को पर्ची नहीं दी जाती और उन्हें अगले दिन राशन लेने के लिए बुलाया जाता है।

    कार्ड धारक नौशाद अहमद ने बताया कि मेरा आठ यूनिट का कार्ड है, लेकिन कोटेदार सिर्फ 6 यूनिट का राशन देता है। बाकी मांगने पर धमकी देता है कि कार्ड कटवा दूंगा।

    दो महीने पहले भी हुई थी शिकायत

    करीब दो महीने पूर्व कार्ड धारकों ने शपथ पत्र देकर दिनेश गुप्ता और श्रीकिशुन कोटेदारों के खिलाफ विभाग में शिकायत की थी, जिसमें घटतौली, यूनिट से कम राशन देना, विलंबित वितरण जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।

    हालांकि जांच में आरोप सही पाए गए, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई, जिससे कार्ड धारकों में रोष है और विभागीय मिलीभगत की आशंका गहराई है।

    विभागीय अधिकारी ने माना नियम उल्लंघन

    इस संबंध में पूछे जाने पर एआरओ प्रभाकर देव ने कहा, शासन के निर्देश के अनुसार, फिंगर लगवाने के बाद तुरंत कंप्यूटराइज्ड कांटे से राशन तौलकर देना अनिवार्य है। पर्ची देना भी जरूरी है। यदि कोटेदार ऐसा नहीं करते तो यह नियम विरुद्ध है।