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    Ghazipur News: पुलिस मुठभेड़ में बदमाश सन्नी सिंह गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

    गाजीपुर के रामपुर मांझा थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में बदमाश सन्नी सिंह घायल हो गया। देवचंदपुर में फायरिंग कर दहशत फैलाने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। नटवा वीर बाबा मंदिर के पास हुई मुठभेड़ में पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी। सन्नी पर हत्या और रंगदारी समेत 11 मुकदमे दर्ज हैं। उसके पास से अवैध हथियार बरामद हुए हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 15 May 2025 04:23 PM (IST)
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    पुलिस मुठभेड़ में बदमाश सन्नी सिंह गिरफ्तार!

    संवाद सहयोगी, गाजीपुर। रामपुर मांझा थाना क्षेत्र के देवचंदपुर में रुपयों के लेनदेन में फायरिंग कर दशहत फैलाने वाले बदमाश कर्मवीर सिंह सन्नी को पुलिस ने गुरुवार की सुबह दबोच लिया। पूछताछ के बाद गांव स्थित नटवा वीर बाबा मंदिर के पास असलहा बरामदगी के लिए लेकर गई तो फायर झोंक दिया। खुद का बचाव करते हुए पुलिस टीम ने जवाबी कार्रवाई की तो उसके दाहिने पैर में गोली लग गई। जिससे वह घायल हो गया। बदमाश के पास से एक पिस्टल, एक खोखा कारतूस व दो जिंदा कारतूस बरामद हुआ।

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    देवचंदपुर गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर कर्मवीर सिंह सन्नी के ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास व रंगदारी समेत 11 मुकदमे दर्ज हैं। वह करीब छह माह पूर्व जेल से छूटकर घर आया था। गांव के ही एक व्यक्ति से रुपयों के लेनदेन का विवाद था। बुधवार की सुबह वह कार से उक्त व्यक्ति के घर पहुंचा और कई राउंड गोलियां दागकर सनसनी फैला दिया।

    मामले की जानकारी हाेने पर रामपुर मांझा पुलिस मौके पर पहुंची और बदमाश का पीछा की लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। दिनदहाड़े गांव में फायरिंग की घटना को पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता से लिया। रात के पहर कई स्थानों पर पुलिस ने छापेमारी कर उसे दबाेच लिया। सुबह असलहा बरामदगी के लिए नटवा वीर बाबा मंदिर के पास पुलिस लेकर गई तो वह फायरिंग करने लगा। हालांकि पुलिस टीम ने जवाबी कार्रवाई कर उसे घायल कर दिया।

    जेल से छूटने के बाद फिर से साम्राज्य स्थापित करना चाहता था बदमाश

    क्षेत्र के पेट्रोल पंप पर हुई हत्या के मामले में देवचंदपुर गांव निवासी बदमाश कर्मवीर सिंह सन्नी करीब ढाई वर्ष तक जेल में बंद रहा। शुरू में इसे जिला जेल में निरूद्ध किया गया था, मगर अन्य बंदियों के साथ उसके व्यवहार ठीक नहीं होने के कारण प्रशासनिक आधार पर वाराणसी कारागार भेज दिया गया था। करीब छह माह पूर्व वह जेल से छूटकर आया तो एकबार फिर साम्राज्य स्थापित करने के लिए लोगों को धमकाने लगा। हालांकि वह अपने मंसूबे में एक बार फिर कामयाब हो, इससे पहले ही पुलिस ने मुठभेड़ में दबोच लिया।