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    UP Flood: यूपी में बाढ़ से सैकड़ों परिवार घिरे, बंद की गई बिजली आपूर्ति; राहत कार्य में जुटा प्रशासन

    Updated: Wed, 18 Sep 2024 01:27 PM (IST)

    UP Flood यूपी में बाढ़ से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे तटवर्ती इलाकों में भारी जलभराव हो गया है। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर शुरू कर दिए हैं।

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    बाढ़ से सैकड़ों परिवार घिरे, बंद की गई बिजली आपूर्ति, राहत कार्य तेज

    संवाद सहयोगी, गाजीपुर। गंगा के खतरा निशान पार करने के बाद तटवर्ती इलाकों में केवल पानी ही पानी नजर आ रहा है। मंगलवार की सुबह से गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर बढ़ने से घाटों की सीढ़ियां पूरी तरह डूब गई तो नगर के लोग सहम गए। अगर रफ्तार का यही हाल रहा तो बाढ़ का पानी नगर में प्रवेश कर जाएगा। वैसे नगर के शास्त्रीनगर, बंधवा समेत अन्य स्थानों पर बाढ़ का पानी नाले में भर गया है।

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    श्मशान घाट पानी से लबालब हुआ तो लोगों को शव दाह संस्कार में काफी परेशानियां झेलनी पड़ी। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों भी हालत का जायजा लेने के लिए दिनभर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेते रहे। खानपुर, रेवतीपुर व भांवरकोल में कई गांवों के घिरने के बाद नाव लगाकर लोगों को सुरक्षित पहुंचाया जा रहा था।

    एक सेंटीमीटर बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

    गंगा का जलस्तर मंगलवार की सुबह एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा था। दोपहर में जलस्तर स्थिर हो गया। तीसरे पहर दोबारा जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा बढ़ने लगा। शाम चार बजे 63.660 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया। केंद्रीय जल आयोग के स्थल प्रभारी मेराजुद्दीन ने बताया कि जलस्तर रुक-रुक कर बढ़ रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब जल स्तर में घटाव शुरू होगा।

    सामान्य जलस्तर: 59.906

    चेतावनी बिंदु: 61.550

    खतरा निशान : 63.105

    खानपुर : गंगा के बढ़ते जलस्तर से उफनाई गोमती नदी के पानी से गौरहट के साथ ही तेतारपुर गांव का भी संपर्क मार्ग पूरी तरह डूब गया है। वहीं गंगा नदी की वजह से आई बाढ़ से औड़िहार, पटना, शादीभादी, गोपालपुर और कुसही, खरौना गांव के सैकड़ों घर पानी से घिर गए हैं। प्रशासन बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत शिविर का संचालन शुरू कर दिया है। गौरहट और तेतारपुर में लोगों का आवागमन नाव के सहारे हो रहा है। बाढ़ से खेतों में पानी लगने से पशुपालकों के सामने हरे चारे का संकट खड़ा हो गया है।

    भांवरकोल : गंगा का जलस्तर बढ़ने से अब गंगा का पानी भागड़ नाले को भरकर मैदानी इलाकों में फैलना शुरू हो गया है। शेरपुर कला के पास, कुंडेसर ,लालूपुर तथा धर्मपुरा से जगतपुर, निकरोजपुर, कठार, आमघाट, रानीपुर, फखनपुरा होते हुए बाढ़ का पानी कबीरपुर कला के पास तक पहुंच गया है। प्रशासन की ओर से धर्मपुरा और फिरोजपुर गांव के लिए नाव की व्यवस्था कराई गई है। एसडीएम मनोज कुमार पाठक व तहसीलदार रामजी राम दोपहर के वक्त कई स्थानों पर पहुंचकर बाढ़ राहत शिविरों का जायजा लेकर निर्देश दिए।

    हसनपुरा और नसीरपुर का टूटा जिला मुख्यालय से संपर्क

    रेवतीपुर: गंगा के बढ़ते जलस्तर से हसनपुरा व नसीरपुर गांव में बाढ़ के पानी घुस गया है। इसके अलावा तटवर्ती इलाके हसनपुरा, परमानंदपुर, उधरनपुर, तिलवां, नरानापुर, नगदिलपुर, रामपुर, टौंगा, पटकनियां आदि गांवों के करीब पानी पहुंच गया है। रेवतीपुर-रामपुर, गहमर बाइपास मार्ग पर पानी लगने से लोगों को दूरदराज होकर आना-जाना पड़ रहा है। सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न होने से जानवरों के लिए हरे चारे का संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ से घिरे गांवों में बिजली आपूर्ति बंद किए जाने से लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है।

    गहमर : गांव के दियरांचल तटवर्ती इलाकों में जलस्तर में तेजी से वृद्धि देख लोग भयभीत हैं। नरवा घाट की सभी सीढ़ियां डूब गई है। लगातार गंगा नदी बढ़ाव के चलते निचले इलाके में किसानों की फसल तो डूबा ही, कटान भी तेजी से होने लगी है। शवदाह करने वाले लोग भी परेशान हैं।

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