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    त्रेता युग में स्वयं प्रकट हुए थे हनुमान

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 15 Apr 2022 07:48 PM (IST)

    नगर के किला कोहना स्थित महावीर मंदिर में विराजमान हनुमान जी स्वयं त्रेता युग में प्रकट हुए थे ऐसी यहां की मान्यता है। हनुमान जी का एक पैर जमीन के आधा ...और पढ़ें

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    त्रेता युग में स्वयं प्रकट हुए थे हनुमान

    जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नगर के किला कोहना स्थित महावीर मंदिर में विराजमान हनुमान जी स्वयं त्रेता युग में प्रकट हुए थे, ऐसी यहां की मान्यता है। हनुमान जी का एक पैर जमीन के आधा फिट अंदर और दूसरा पैर बाहर है। हनुमान मंदिर से लोगों की इतनी श्रद्धा है कि हर मंगलवार को यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

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    प्रतिदिन आरती वह हवन-पूजन चलता है। इसमें काफी संख्या में लोग शामिल होते हैं। लड्डू यहां का मुख्य प्रसाद है, जिसे लोगों को प्रतिदिन वितरित किया जाता है। मंदिर के पुजारी रामेश्वर मिश्र ने बताया कि स्वयं प्रकट हुए हनुमान जी की मूर्ति और मूर्तियों से अलग है। इसे छूने पर मानव शरीर जैसा एहसास होता है, जबकि आम मूर्तियों को छूने पर कठोरता का एहसास होता है। इससे लोगों की श्रद्धा और बढ़ जाती है। बताया कि यहां प्रतिदिन सुबह-शाम आठ बजे आरती होती है। वहीं मंगलवार को सुबह 10 बजे होती है। पुजारी बताते हैं कि मुंबई व कोलकाता से भी यहां श्रद्धालु मनोकामना पूरी होने पर पूजन-अर्चन करने आते हैं। 20 वर्ष से जला रहे दीप

    : नगर के महाजन टोली निवासी एक श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरा होने पर मंदिर में घी का दीया जलाना शुरू किये। यह दिया पिछले 20 वर्ष से अखंड जल रहा है। कई पीढि़यों से एक ही परिवार के पुजारी

    : मंदिर के पुजारी रामेश्वर मिश्र बताते हैं कि वह यहां 1995 से मंदिर के पुजारी के रूप में काम करते आ रहे हैं। उनके पहले उनके पिता स्व. गौरीशंकर मिश्र पुजारी थे। बताता कि मेरे पिता को अपने नाना से विरासत में इस मंदिर के पुजारी का स्थान मिला। बताया कि मूलरूप से हम लोग रेवतीपुर के देवनारायण राय पट्टी के निवासी हैं। सायं सात बजे से भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन होगा। मंदिर से निकलेगी ध्वजा यात्रा

    गाजीपुर : हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर शनिवार को यहां विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। सुबह छह बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा। आठ बजे राधाकृष्ण मंदिर नियाजी से ध्वजा यात्रा निकाली जाएगी। 10 बजे महावीर मंदिर कोट में सुंदरकांड का पाठ होगा। सायं सात बजे से भजन संध्या होगी। इसमें काफी संख्या में लोग शामिल होंगे।