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राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का दो दशक के बाद भी संचालन नहीं

सैदपुर (गाजीपुर) खानपुर में एक करोड़ छह लाख रुपये की लागत से बना राजकीय बालिका इंटर कालेज का शानदार भवन उद्धाटन के 20 वर्ष बाद भी बेकार पड़ा है। विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते अब तक विद्यालय का संचालन इस भवन में शुरू नहीं हो सका।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 12:15 AM (IST)
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का  दो दशक के बाद भी संचालन नहीं
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का दो दशक के बाद भी संचालन नहीं

जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर) : खानपुर में एक करोड़ छह लाख रुपये की लागत से बना राजकीय बालिका इंटर कालेज का शानदार भवन उद्घाटन के दो दशक बाद भी बेकार पड़ा है। विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते विद्यालय का संचालन इस भवन में शुरू नहीं हो सका। अब भवन समेत परिसर में खरपतवार उग आए हैं। क्षेत्रीय जनता वर्षों से इस भवन में महिला कालेज के संचालन की मांग कर रही है।

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उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री रहे डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने 23 वर्ष पहले 1997 में क्षेत्रीय जनता की मांग पर राजकीय बालिका इंटर कालेज की आधारशिला रखी थी तब लोगों में आस जगी थी कि अब छात्राओं को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। एक करोड़ छह लाख रुपये की लागत से तीन वर्ष में ही विद्यालय का भवन बनकर तैयार हो गया। 21 अगस्त वर्ष 2000 में डा. पांडेय ने विद्यालय भवन का उद्घाटन किया। कॉलेज भवन में 15 शिक्षण कक्ष, तीन प्रायोगशाला, पांच-पांच कार्यालय, दो स्वागत कक्ष, तीन शौचालय केंद्र के साथ मजबूत चहारदीवारी युक्त भवन में खेलकूद हेतु पर्याप्त मैदान है। उद्घाटन हुए दो दशक बीत गए लेकिन अब तक भवन में कॉलेज का संचालन नहीं हो सका। रख-रखाव के अभाव में पूरे परिसर को कटीली झाड़ियों ने अपना डेरा बना लिया है जहां दिन रात बेसहारा पशुओं का शरणगाह बना हुआ है। विद्यालय के चहारदीवारी पर लगे लोहे की ग्रिल और गेट नशेड़ियों ने गायब कर दी है। शिक्षण कक्षाओं की खिड़की दरवाजे दीमक और टूटफूट का शिकार होकर जर्जर हो गए हैं। खिड़कियों के शीशे कब के चकनाचूर होकर मुंह चिढ़ा रहे हैं। फर्नीचर वगैरह बदहाली को पहुंच गए हैं। शाम होते इस विद्यालय परिसर में नशेड़ियों, जुआड़ियों का जमावड़ा हो जाता है। क्षेत्रीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराते इसमें महिला महाविद्यालय के संचालन की मांग की लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। इससे लोगों में गुस्सा पनपता जा रहा है।

फोटो : 5सी।

इंटर तक की पढ़ाई की सुविधा क्षेत्र में उपलब्ध है लेकिन राजकीय महिला महाविद्यालय क्षेत्र में नहीं है। इस भवन में महिला महाविद्यालय का संचालन शुरू कर दिया जाए तो क्षेत्रीय बालिकाओं को सहूलियत होगी।

- रिकी सिंह, ग्रामप्रधान, खानपुर।

फोटो: 6सी।

महाविद्यालय का संचालन शुरू होने से बालिकाओं को काफी सहूलियत होगी। क्षेत्रीय बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता।

- प्रदीप राम, बभनौली।

फोटो : 7सी।

तत्कालीन राज्यमंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने भवन बनवाया। इसके बाद किसी भी जनप्रतिनिधि ने विद्यालय संचालन का प्रयास नहीं किया। कोई जनप्रतिनिधि मन से लगकर महाविद्यालय का संचालन शुरू करा देता तो काफी सहूलियत होती।

- प्रेमशंकर सिंह, गौरी।

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फोटो : 8सी।

बालिका शिक्षा की अवहेलना का सबसे बड़ा उदाहरण खानपुर में दिखता है। राजनीतिक दलों को सिर्फ भाषणों में बालिका उत्थान और सशक्तिकरण दिखता है धरातल पर कुछ नहीं। इस दिशा में प्रयास की जरूरत है।

- प्रेमशंकर मिश्रा, सिधौना।

फोटो : 9सी।

राजनीतिक दुराग्रह की भेंट चढ़ा यह निष्प्रयोज्य भवन अब खुद के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। भवन देखकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को हर कोई कोसता है।

- रामजीत यादव, इशोपुर।

फोटो : 10सी।

खानपुर क्षेत्र के शिक्षार्थियों में बालकों से अधिक बालिकाओं की संख्या है। इस विद्यालय को शुरू कर उन्हें समुचित साधन सुविधा उपलब्ध कराया जा सकता है।

- कैलाश जायसवाल, रामपुर।


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