गोधन भैया चलले अहेलिया, ओह पार खेले ले शिकार..
गोवर्धन पूजा व भैया दूज धूमधाम से मनाया गया। परंपरा के अनुसार यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : गोवर्धन पूजा व भैया दूज धूमधाम से मनाया गया। परंपरा के अनुसार यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मनाया जाता है। देव तुल्य भगवान गोवर्धन की प्रतिमा बहनों द्वारा गोबर से बनाई गई। उन्हें फूल-पत्तियों, पेड़-पौधों से आच्छादित कर रविवार व सोमवार को प्रात: पूरे मनोयोग व भक्तिभाव के साथ महिलाओं एवं कन्याओं ने अपने भाई के प्रति अटूट आस्था का पर्व भैया दूज के लिए एकत्र होकर पारंपरिक गीतों के माध्यम से भगवान गोवर्धन से अपने भाई के लिए आशीष मांगा।
बुजुर्ग महिलाएं रविवार व सोमवार को परंपरागत तरीके से पूजा स्थल पर पहुंचीं जहां परंपरागत रूप से बनाए गए गोवर्धन के प्रतीकों की पूजा की तथा रेंगनी के कांट से अपने जिह्वा का छेदन करते श्राप दिया और अपने भाइयों की दीर्घायु व सुखमय जीवन कामनाएं की। भाइयों के लंबी आयु की कामना करते हुए आशीष दिया। इस दौरान महिलाओं द्वारा गोधन से संबंधित पारंपरिक गीत गोधन भैया चलले अहेलिया.ओह पार खेले ले शिकार. समेत कई गीतों की प्रस्तुति से वातावरण भक्तिमय हो गया। गोधन कूटने को लेकर उनमें काफी उत्साह देखा गया। कहा जाता है कि जो भाई अपनी बहन के यहां बहन द्वारा बनाए गए भोजन करते हैं, वे हमेशा सुखमय होते हैं। यहां परंपरा आज भी जीवित है। कई भाइयों द्वारा अपने बहन के यहां भोजन करने जाते हैं तो अपने साथ कच्चा चना, मटर व मिठाई खाने के लिए जाते हैं। अब परंपरा के अनुसार गोवर्धन पूजा होते ही लगन का शुभ मुहूर्त आरंभ हो गया। अब शादी-विवाह व उपयनयन, गृह प्रवेश समेत अन्य मांगलिक कार्य आरंभ हो गया। अब लोग इसकी तैयारी में जुट गए।
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रेवतीपुर : स्थानीय गांव स्थित दयाराम पट्टी में दीपावली के रविवार को गोवर्धन पूजन के लिए सुबह ही मोहल्ले की कुंवारी कन्याओं ने गाय के गोबर से गोवर्धन जी की आकृति बनाई। इसके बाद लाई, चूड़ा, कुटकी व घरिया आदि उन्हें चढ़ाया गया। इसके बाद उन्हें मूसल से महिलाएं कूटते हुए गीत गा रही थीं।
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लगाया गया छप्पन भोग
रेवतीपुर : स्थानीय गांव स्थित मां भगवती मंदिर के प्रांगण में हर शाल की तरह इस शाल भी गोवर्धन पूजन के दिन रविवार की रात्रि छप्पन भोग का आयोजन किया गया। इसमें मां को छप्पन प्रकार के भोग लगाए गये। आरती पूजन के समय समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। मां के जयकारे लग रहे थे। आरती के बाद मंदिर के प्रांगण में सभी श्रद्धालुओं को बैठाकर प्रसाद का वितरण किया गया। इसमें छप्पन प्रकार की मिठाइयां, फल आदि सम्मिलित था। इस दौरान गोपाल राय, संजय राय, सुरेश पांडेय, जिम्मी राय, शिवम पांडेय, रविशंकर राय, रजनीश पांडेय आदि रहे।

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