Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्वांचल-बिहार के जिलों के लिए लाइफलाइन है मऊ रेल विस्तारीकरण परियोजना, 62 साल पुराना सपना रह जाएगा अधूरा

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 08:48 PM (IST)

    वर्ष 1962 में सांसद विश्वनाथ सिंह गहमरी ने पूर्वांचल की गरीबी का मुद्दा उठाया था, जिसे पूरा करने वाली ताड़ीघाट-गाजीपुर-मऊ रेल परियोजना पूर्वांचल और बि ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। वर्ष 1962 में संसद में डबडबाई आंखों से पूर्वांचल की गरीबी का मुद्दा उठाने वाले तत्कालीन सांसद विश्वनाथ सिंह गहमरी का सपना पूरा करने वाली ताड़ीघाट-गाजीपुर-मऊ रेल परियोजना पूर्वांचल सहित बिहार के कई जिलों के लिए लाइफलाइन है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    37 किमी दूर मऊ तक रेल विस्तारीकरण होने के बाद रेलवे के दो जोन के दो मंडल आपस में जुड़ जाएंगे। इससे रेलवे की कनेक्टिविटी के साथ ही कारोबार को भी पंख लगेगा।

    एशिया के बड़े गांवों में शुमार गहमर निवासी विश्वनाथ सिंह गहमरी ने 12-13 जून 1962 को संसद में पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन के दर्द को बयां किया। गरीबी का वर्णन करते वह रो पड़े थे, जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू समेत सभी सांसद भावुक हो गए थे।

    उन्होंने बताया था कि किस तरह से पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग अनाज की दऊरी (अनाज के बोझ को फैलाकर उस पर बैलों को गोल-गोल घूमाया जाता था) के दौरान बैलों के गोबर से अनाज निकालकर धुलकर खाते हैं। उनके भाषण को सुनकर दूसरे सांसदों ने भी अपना समय उन्हें बोलने के लिए दे दिया था।

    15GZP_M_61_15122025_245

    इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पटेल आयोग का गठन कर रिपोर्ट मांगी थी। पटेल आयोग ने अपनी रिपोर्ट देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश की समस्या के लिए कई सुझाव दिए थे।

    हालांकि, आयोग की रिपोर्ट ठंडे बस्ते में चली गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली सरकार में रेल राज्यमंत्री बने मनोज सिन्हा ने पटेल आयोग की सिफारिश को लागू कर गंगा पर रेल सह रोड ब्रिज (नीचे जलयान, बीच में रेल और ऊपर वाहन) का निर्माण कराया।

    इस पुल के जरिए ताड़ीघाट-गाजीपुर सिटी व मऊ तक रेल परियोजना को विस्तार देना था। पुल बनने के बाद ताड़ीघाट से गाजीपुर सिटी स्टेशन तक पैसेंजर ट्रेन आने लगी है, लेकिन गाजीपुर घाट से मऊ तक बनने वाली 37 किमी लाइन को रेलवे ने रोक दिया है।

    रेलवे के सर्वे कार्य पूरा होने के बाद अब तक जमीन अधिग्रहण और टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। ऐसे में इस परियोजना के ठंडे बस्ते में चले जाने में कोई शक नहीं है। गाजीपुर-मऊ रेल विस्तारीकरण योजना से रेलवे के तीन जोन आपस में जुड़ जाते। यहां से आने वाले समय में पटना-हावड़ा के लिए ट्रेनें संचालित होंगी। इससे कारोबार को पंख लगेगा।

    इस रेल लाइन के बनने से हाजीपुर जोन के दानापुर मंडल और उत्तर पूर्व रेलवे (एनईआर) गोरखपुर के वाराणसी मंडल आपस में जुड़ जाएंगे। इससे काफी सुविधा होगी।

    गाजीपुर-मऊ रेल विस्तारीकरण परियोजना के लिए सांसद करेंगे प्रयास

    गाजीपुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना ताड़ीघाट-गाजीपुर-मऊ रेल विस्तारीकरण के दूसरे फेज को रेलवे से रोक देना हर किसी के लिए बड़ा झटका है। जनता से लेकर जनप्रतिनिधि तक हैरान हैं। लोग इसे दुर्भाग्यपूर्ण मान रहे हैं। इसको लेकर सांसदों ने प्रयास करने का भरोसा दिलाया है।

    गाजीपुर-मऊ रेल विस्तारीकरण परियोजना को रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को इस परियोजना को पूरा करना चाहिए। वह इस बाबत रेलवे के शीर्ष अधिकारियों से वार्ता करने के साथ ही रेलमंत्री से भी मुलाकात कर विस्तारीकरण को जारी रखने की मांग रखेंगे। जरूरत पड़ने पर वह इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगे।
    अफजाल अंसारी, सांसद गाजीपुर

    यह जनता से जुड़ी रेल परियोजना है। जल्द ही रेल मंत्री से मिलकर मामले को अवगत कराऊंगा। रेलवे लाइन विस्तारीकरण का कार्य फिर से शुरू कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो संसद में यह मामला उठाया जाएगा।
    राजीव राय, सांसद घोसी (मऊ)

    ताड़ीघाट-गाजीपुर रेल परियोजना से लोगों को काफी लाभ मिलेगा। मैं इस रेल परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए रेल मंत्री से मिलूंगी। पूरा प्रयास होगा कि इस परियोजना को आगे तक विस्तार किया जाए, ताकि दूसरे जिले के लोगों को भी लाभ मिल सके।
    डा. संगीता बलवंत, सदस्य राज्यसभा