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    गाजीपुर में एक दिन में 68 मिमी बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, अक्टूबर का रिकार्ड टूटा

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 05:52 PM (IST)

    गाजीपुर ज‍िले में हो रही भारी बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है जिससे धान और बाजरा जैसी फसलें तबाह हो गई हैं। अक्टूबर में सामान्य से अधिक बारिश ने खेतों में जलभराव कर दिया है जिससे फसलों के गिरने और खराब होने की समस्या बढ़ गई है।

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    कृषि विशेषज्ञ बारिश के जारी रहने पर और नुकसान की आशंका जता रहे हैं।

    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। जनपद में शुक्रवार से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मौसम विभाग के अनुसार पूरे अक्टूबर माह में 48 एमएम बारिश होनी थी, जबकि एक ही दिन में 68 एमएम बारिश दर्ज की गई। इतनी बारिश पूरे बरसात में एक दिन में नहीं हुई।

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    अचानक हुई इस भारी वर्षा ने खेतों में खड़ी धान और परवर जैसी फसलों को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। खेतों में काटकर धान की छोड़ी गई फसल बारिश में खराब हो गई है। किसान दिनभर फसल को समेटने में जुटे रहे।

    सुबह रुक-रुक कर हुई बारिश के बाद दोपहर में लगातार बरसात ने किसानों को बेहाल कर दिया। खेतों में पानी भर गया और तेज हवा के कारण धान की फसलें झुक गईं, कई जगहों पर पूरी तरह गिर पड़ीं। किसानों का कहना है कि फसल पकने की स्थिति में थी, ऐसे में गिरने से दाने नहीं बन पाएंगे और उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा। मौसम विभाग ने अगले दो दिन और बारिश की संभावना जताई है।

    शुक्रवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री और न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लगातार बारिश के चलते शहर और ग्रामीण इलाकों में जलभराव और कीचड़ की समस्या भी बढ़ गई है। कई सड़कों पर पानी भर जाने से लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

    किसानों का कहना है कि यह बारिश राहत नहीं, आफत बनकर आई है। खेतों में लहलहाती फसलें अब पानी और हवा के कहर से तबाह हो चुकी हैं। वहीं कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो धान के साथ केला और परवर की फसल भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।

    बारिश से किसानों की कमर टूटी, बाजरा और सब्जी की फसलें बर्बाद

    मुहम्मदाबाद : लगातार हो रही बारिश से इलाके में किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेतों में खड़ी फसलें पानी और हवा की मार से चौपट हो गई हैं। सबसे अधिक नुकसान बाजरा, गोभी और हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों को उठाना पड़ रहा है। इलाके में करीब पांच हजार बीघा में बाजरा की फसल लगी है, जो अब पककर तैयार अवस्था में थी। लेकिन हवा और तेज बारिश के कारण खेतों में फसल गिर गई है।

    किसानों का कहना है कि अगर दो-तीन दिन और इसी तरह मौसम खराब रहा तो बालियों में अंकुरण शुरू हो जाएगा, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी। वहीं सब्जी उत्पादक किसानों की हालत भी खराब है। करीब 10 हजार बीघा में हरी मिर्च और 500 बीघा में गोभी की खेती हुई है। लगातार हो रही बारिश से खेतों में जलजमाव हो गया है, जिससे पौधे गलने लगे हैं। किसान जवाहिर कुशवाहा, सुनील यादव और मुन्ना यादव ने बताया कि इस समय फसल उत्पादन की स्थिति में थी, लेकिन अब बारिश ने मेहनत पर पानी फेर दिया है।

    भांवरकोल : क्षेत्र में हुई बारिश से मिर्च व धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। फसलों को गिरने से किसान परेशान हो गए हैं। उनका कहना है कि कर्ज लेकर फसलें बोई गई थी, जो बारिश में गिरकर खराब हो गई हैं।

    धान व केला की फसल को नुकसान

    कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज के कृषि विज्ञानी डा. ओमकार सिंह ने बताया कि अभी दो दिन और इसकी तरह बारिश होने की संभावना है। इस बारिश से पुष्पावस्था वाले धान और फल ले चुके केले की फसल को नुकसान होगा। धान में दाना नहीं आएगा और वह गिर भी सकता है, वहीं केला के पौधे भी गिर जाएंगे। उसमें रोग भी लगेगा।

    पिछले 24 घंटे में 68 एमएम बारिश हुई है जिसने पूरे महीने का रिकार्ड तोड़ दिया है। अक्टूबर माह के 48 एमएम बारिश होनी चाहिए। अभी तीन से चार दिन तक मौसम बूंदाबादी का रहेगा। - अशोक राय, आपदा विशेषज्ञ।